डीएनए हिंदीः खराब लाइफस्टाइल और गड़बड़ खानपान के कारण कई तरह की गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, जिनमें से एक डायबिटीज है. आजकल इस बीमारी का सामना न केवल बड़ों को बल्कि बच्चों को भी करना पड़ रहा है. बता दें कि (World Diabetes Day) डायबिटीज के कारण कई और भी प्रकार की गंभीर समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है और इसकी वजह से हार्ट से लेकर आंखों और तंत्रिकाओं की गंभीर समस्या का खतरा बना रहता है. इसके अलावा डायबिटीज में बढ़ा हुआ शुगर किडनी के (Diabetes Affect Kidneys) लिए घातक साबित होता है. इसलिए डायबिटीज के मरीजों को किडनी की खास देखभाल करनी चाहिए, ताकि इसकी वजह से किडनी को डैमेज होने से बचाया जा सके. आइए जानते कि शुगर का बढ़ना किडनी के लिए कितना खतरनाक है और इसके लक्षण (High Blood Sugar) व इलाज क्या है...
डायबिटीज में किडनी की बीमारी
डायबिटीज मरीजों में किडनी की बीमारी होना काफी सामान्य होता जा रहा है. बता दें कि किडनी लाखों छोटे फिल्टरों से बनी होती है जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है और समय के साथ, हाई ब्लड शुगर की समस्या किडनी के साथ-साथ नेफ्रॉन में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है, जिसकी वजह से इनके लिए अच्छे तरह से काम करना कठिन हो जाता है. डायबिटीज से पीड़ित कई लोगों में उच्च रक्तचाप का भी खतरा होता है और इस कारण भी किडनी को नुकसान पहुंच सकता है.
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क्या हैं डायबिटीज में किडनी की बीमारियों के लक्षण
बता दें कि डायबिटीज में किडनी की होने वाली समस्याओं को डायबिटिक नेफ्रोपैथी कहा जाता है और शुरूआती दिनों में ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं. लेकिन अगर ये समस्या बढ़ती है तो इसके कारण कई तरह की दिक्कतें होती हैं. ऐसे में डायबिटिक नेफ्रोपैथी वाले रोगियों के लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है. इसके अलावा पैरों, टखनों, हाथों या आंखों में सूजन के साथ झागदार पेशाब आना, सांस लेने में कठिनाई, भूख में कमी, उल्टी, थकान और कमजोरी महसूस होना इसके लक्षणों में शामिल हैं.
इन संकेतों को न करें नजरअंदज
डायबिटीज के मरीजों को किडनी रोग के तीन प्रारंभिक संकेतों को लेकर अलर्ट रहना चाहिए. अगर आपको पेशाब के रंग में बदलाव महसूस होता है तो अलर्ट हो जाइए. इसके अलावा लगातार थकान और शरीर में खुजली के अलावा अगर हाथ या पैरों में सूजन महसूस होती है तो ऐसी स्थिति में तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करें.
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डायबिटीज में ऐसे रखें किडनी को स्वस्थ
- जितना हो सके शुगर को कंट्रोल रखें.
- डाॅक्टर की सलाह के बाद साल में कम से कम दो बार A1C परीक्षण जरूर करवाएं.
- शुगर के साथ रक्तचाप की भी नियमित जांच करते रहें.
- लो सोडियम वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें.
- डाइट में फल और सब्जियों की मात्रा अधिक रखें.
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और नियमित व्यायाम जरूर करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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