डीएनए हिंदी: डायबिटीज (diabetes) तीन तरह का होता है- टाइप वन, टाइप टू और कुपोषण से हुआ डायबिटीज. टाइप वन डायबिटीज के लिए जहां जेनेटिक (genetic) वजह जिम्मेदार है, वहीं टाइप 2 डायबिटीज हमारी खराब लाइफस्टाइल और ज्यादा नमक वाले खराब क्वॉलिटी के खाने की वजह से होता है. टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित लोगों को कम चीनी, फैट और नमक वाला खाना खाने की सलाह दी जाती है.
एक रिसर्च में सामने आया है कि उलॉन्ग चाय (Oolong tea) ब्लड शुगर घटाने में सहायक है. उलॉन्ग चाय को डायबिटीज में दी जाने वाली ओरल हाइपोग्लाइकेमिक (hypoglycaemic) एजेंट्स के सहायक (adjunct) के तौर पर देखा जाता है. स्टडी में ये भी पाया गया कि इस चाय में एंटीहाइपरग्लाइकेमिक (antihyperglycaemic) खूबी भी हे, जो बढ़े हुए ग्लूकोज स्तर को कम करता है.
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जानिए उलॉन्ग चाय के बारे में
उलॉन्ग चाय परंपरागत चीनी चाय है. ये कैमेलिया सिनेनसिस (camellia sinesis) पौधे से बनती है. इसी पौधे से ग्रीन और ब्लैक टी भी तैयार की जाती हैं. रिसर्च में पाया गया है कि उलॉन्ग चाय फैट बर्निंग को तेज करती है और हमारे शरीर की कैलोरी बर्निंग क्षमता को 3.4 फीसदी बढ़ा देती है. इसमें एल-थियानिन (L-theanine) नाम का अमीनो एसिड होता है, जो ब्रेन एक्टिविटी में सुधार लाता है, जिससे हमारी नींद की क्वॉलिटी में सुधार आता है और तनाव घट जाता है.
ग्लूकोज स्तर बढ़ने पर क्या होता है
- ब्लड शुगर बढ़ने पर डायबिटिक मरीज हाइपरग्लाइसेमिया महसूस करता है. इसमें कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- ज्यादा पेशाब होना
- कमजोरी या थकान महसूस होना
- धुंधला नजर आना
- वजन कम होना
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ग्लूकोज स्तर घटने पर क्या होता है?
डायबिटिक मरीज का ब्लड शुगर लेवल अगर सामान्य से ज्यादा नीचे आ जाए तो उसे हाइपोग्लाइसेमिया कंडिशन कहते हैं. इसमें ये लक्षण नजर आता है-
- ज्यादा पसीना आना
- थकान महसूस होना
- आलस आना
- भूख महसूस होना
- होठों में झनझनाहट
- कांपना या थरथराहट
- दिल की धड़कन तेज होना
- मूड स्विंग जैसे चिड़चिड़ा, डबडबाई आंखें, चिंतित लगना
- शरीर पीला पड़ जाना
हाइपो खतरनाक क्यों है?
अगर हाइपो का इलाज न किया जाए तो ये गंभीर बीमारी और मौत की वजह भी बन सकता है. हालाकि, इसका इलाज बहुत आसान है. हाइपो का पता चलने पर कुछ मीठा खाना चाहिए या कोल्ड ड्रिंक या फ्रूट जूस लेना चाहिए. इसके अलावा खाने के दौरान ऐसा कुछ खाना चाहिए जिससे धीमी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट रिलीज हो. टाइप 2 डायबिटीज के मामले में खानपान की टाइमिंग का बड़ा महत्व है. गलत समय पर गलत चीज खाने से शुगर लेवल बिगड़ने का खतरा होता है. ये बहुत ज्यादा बढ़ भी सकता है और गिर भी सकता है. डायबिटीज पीड़ितों को अपने साथ हमेशा अपने हाथ में स्मार्ट मॉनीटर पहन कर चलना चाहिए। इसमें मौजूद सेंसर तुरंत ब्लड शुगर लेवल बताते हैं.
शुगर कंट्रोल में न रहे तो क्या होगा
शुगर कंट्रोल में न रहने से मरीज को हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, नर्व डैमेज, गर्भवती महिलाओं में गर्भपात, विजन लॉस जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी भी कहते हैं, हो सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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