बीते कुछ सालों से डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, बड़े-बुज़ुर्ग ही नहीं बल्कि कम उम्र के युवा भी इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. बता दें कि डायबिटीज को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसे मैनेज (Diabetes Control) करने के लिए डॉक्टर्स खानपान और जीवनशैली में सुधार करने की सलाह देते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज के दो प्रकार के हैं....
पहला है टाइप-1 (Type 1 Diabetes) डायबिटीज और दूसरा है टाइप-2 डायबिटीज. बता दें कि टाइप-1 (Type 2 Diabetes) डायबिटीज में बचपन से ही शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता है और टाइप-2 डायबिटीज खराब खानपान और जीवनशैली की वजह से होती है.
इस स्थिति में कोमा में जा सकता है मरीज
एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज में कुछ कंडीशन इतनी खतरनाक हो सकती है, जिससे मरीज कोमा में पहुंच सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब लंबे समय तक शरीर इस बीमारी से लड़ता है तो इसकी वजह से नसें, आंखों और अन्य अंग बुरी तरह प्रभावित होने लगते हैं और हाई ब्लड शुगर (Blood Sugar) से शरीर पर कई निगेटिव असर पड़ता है, जिससे मरीज को डायबिटिक कीटोएसिडोसिस होता है. यह स्थिति बहुत गंभीर होती है और इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब शरीर का ब्लड शुगर लेवल अनकंट्रोल हो जाता है तो हाइपरग्लेसेमिया की समस्या हो सकती है. ऐसी स्थिति में ब्लड शुगर काफी ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं, हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में ब्लड शुगर का लेवल काफी कम हो जाता है और ये दोनों ही लेवल खतरनाक हो सकता है. इन कंडीशन में मरीज कोमा तक में जा सकता है, जिसे डायबिटीक कोमा कहा जाता है. ये स्थिति जानलेवा हो सकती है.
जानें कितना होना चाहिए शुगर लेवल?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 120 से 140 mg/dL के बीच होना चाहिए और अगर यह 200 mg/dL से ऊपर है तो इसका मतलब है कि आपका शुगर बढ बढ़ा हुआ है और अगर अगर यह 300 mg/dL से ऊपर चला जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत डाॅक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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