Back Pain Relief: क्या आपको भी पूरे दिन रहता है पीठ दर्द तो आजमाएं ये घरेलू उपाय, जल्द मिलेगी राहत

सुमन अग्रवाल | Updated:Dec 02, 2022, 04:56 PM IST

Back Pain- अगर आपको भी पूरे दिन रहता है पीठ दर्द, कारण जानकर इससे छुटकारा पाएं, कुछ घरेलू उपाय अपनाएं जिससे ये दर्द कम हो सकता है.

डीएनए हिंदी: How to Get Relief From Back Pain- अक्सर हम शिकायत करते हैं कि हमारे बैक में बहुत पेन है, आए दिन ऑफिस में काम करने वाले पीठ दर्द की समस्या को लेकर परेशान रहते हैं. पीठ में दर्द है इसका मतलब पूरे बैक में ही दर्द फैल जाता है, फिर आपके लिए बैठना, उठना, लंबे समय तक खड़े रहना मुश्किल हो जाता है. किसी को पीठे के नीचले हिस्से में तो किसी को मिडल में दर्द होता है. आईए जानते हैं इसके पीछे और क्या कारण हैं, कैसे इस दर्द से छुटकारा पाएं 

मांसपेशियों या लिगामेंट्स में तनाव

कई बार भारी सामान उठाने से, ज्यादा झुककर काम करने से लिगामेंट्स में तनाव आ जाता है, मांसपेशियां खींचने लगती है, तब पीठ में दर्द ज्यादा होता है. 

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अर्थराइटिस, ज्वाइंट पेन (Arthritis, Joint Pain) 

अर्थराइटिस की वजह से भी पीठ में दर्द ज्यादा होता है, जिन लोगों को गठिया की शिकायत रहती है उनकी रीढ़ भी कमजोर होने लगती है और उन्हें बराबर दर्द रहने लगता है. ऐसे में जोड़ों में, हड्डियों में, ज्वाइंट्स में भी पेन होता है, सूजन आ जाती है. 

कई बार आपके पीठ में हड्डियों में कोई चोट लगने से भी ऐसा होता है, फ्रैक्चर या फिर कहीं हड्डी टूटने से भी दर्द रहता है, ठंड में ये दर्द बढ़ जाता है. 

स्पाइनल समस्या (Spinal Problem)

इस स्थिति में दर्द तब होता है जब स्पाइनल केनाल तंग हो जाती है जिस जगह पर तंत्रिका जड़ें (nerve roots) होती हैं. वहां से दर्द पूरी पीठ में फैलने लगता है

ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)

यह हड्डियों से संबंधित ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमज़ोर हो जाती है. ऑस्टियोपोरोसिस पीठ दर्द का कारण तब बन सकती है जब स्पाइनल (रीढ़ की हड्डी) में कम्प्रेशन फ्रेक्चर हो. यह स्थिति बहुत ज़्यादा विचलित कर देने वाली है क्योंकि इसमें व्यक्ति के फ्रेक्चर की संभावना रोज़मर्रा के कार्यों से भी हो सकती है

साईटिका (Sciatica) 

साइटिका उस स्थिति को कहा जाता है जब पीठ में दर्द साइटिक नस की वजह से होता है। साइटिक नस सबसे बड़ी और लंबी नस है जो हमारे पीठ के निचले हिस्से से होती हुई दोनों पैरों में पहुंचती है। यदि किसी वजह से इस नस पर दबाव पड़ता है तो पीठ के निचले सिरे में दर्द होने लगता है जो कूल्हों और पैरों में भी फैल सकता है

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क्या है इलाज (How to Treat Back Pain)


पीठ दर्द का सबसे बेहतरीन इलाज है हेल्दी जीवनशैली को अपनाना. हेल्दी खाना पीना, जिसमें कैल्शियम युक्त आहार है, जो हड्डियों को ताकत देता है. 

एक्सरसाइज, बैठने -उठने का तरीका सही करें 

रीढ़ को मजबूत रखना जरूरी है, इसलिए जरूरी है कि बैक स्ट्रेचिंग करें, पीठ दर्द में आराम मिलता है, खराब तरीके से उठने बैठने से आप की रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दवाब पड़ने लगता है और इसकी वजह से पीठ के बीच वाले हिस्से में दर्द होने लगता है. जब आप कंप्यूटर पर काम करते हुए अपने सिर और कन्धों को देर तक आगे की तरफ झुकाए रखते हैं तो ऐसे में शरीर का संतुलन बनाये रखने के लिए रीढ़ की मांसपेशियों और लिग्मेंट्स को अतिरिक्त काम करना पड़ता है. इन मांसपेशियों द्वारा अतिरिक्त काम करने की वजह से नसों पर दवाब बढ़ जाता है जिसकी वजह से पीठ के मध्य हिस्से में दर्द होने लगता है

बैठने उठने के पॉश्चर पर ध्यान दें, आप कैसे बैठते हैं उठते हैं, कितनी देर बैठते हैं. ज्यादा देर तक सीटिंग आपके लिए नुकसानदायक है. बीच बीच में ब्रेक लें, वॉक करें, सीटिंग को लंबा ना करें. 


मोटापा (Obesity)

रिसर्च के अनुसार, शरीर का मोटापा पीठ दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है, जैसे जैसे वजन बढ़ता है, पीठ दर्द का ख़तरा भी उसी अनुपात में बढ़ता जाता है. पीठ की मांसपेशियां बढ़ते वजन को संभाल नहीं पाती हैं इस वजह से पीठ में दर्द होने लगता है. खानपान में पौष्टिक चीजों को शामिल करें और वजन को नियंत्रित रखें, नियमित रूप से टहलें, व्यायाम और स्ट्रेचिंग करें , जिससे वजन कम होता है और पीठ के दर्द से आराम मिलता है

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बिना सपोर्ट वाली ब्रा

अगर आपके स्तनों का साइज़ बड़ा है तो इसका मतलब यह है कि शरीर के सामने वाले हिस्से में आप काफी वजन लेकर चल रही है जिसकी वजह से स्पाइन या रीढ़ की हड्डी पर दवाब बढ़ जाता है. इसके कारण पीठ के उपरी और निचले हिस्से में दर्द होने लगता है. इसलिए ऐसी ब्रा पहनें जिससे स्तनों को भरपूर सहारा मिले और शारीरिक बनावट सही बनी रहे

कंधे पर लटकने वाले बैग का यूज कम करें, इससे बैक और कंधे पर ही दबाव बनता है, जो ठीक नहीं है. 

सोने का तरीका सही करें, गद्दे का ध्यान दें. बहुत मोटा गद्दा यूज नहीं करना चाहिए, इससे आपकी रीढ़ की हड्डी कमजोर होने लगती है. 

थैरेपी, सिकाई से काफी फायदा मिलता है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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