Cricket and Anxiety: मैच देखते वक्त होने लगे एंग्जाइटी तो तुरंत अपनाएं ये 5 आसान उपाय

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 19, 2023, 05:11 PM IST

मैच देखते वक्त होने लगे एंग्जाइटी? तुरंत अपनाएं ये 5 आसान उपाय

How To Deal With Anxiety: अगर आपको मैच देखने के दौरान स्ट्रेस-एंग्जाइटी फील हो तो तुरंत ये उपाय अपना सकते हैं, इससे आपको जल्द ही आराम मिलेगा..

आज विश्वकप में फाइनल का मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा है, लोग भारतीय टीम की जीत के लिए दुआ कर रहे हैं. मैच देखने के लिए हर कोई टीवी- मोबाइल पर आंख गड़ाए बैठ जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं जब हम अपना पसंदीदा खेल देखते हैं तो इसकी वजह से हमारा दिमाग काफी प्रभावित होता है. इतना ही नहीं  खेल में होने वाली हर चीज़ हमारी मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालती है, जिसकी वजह से हमें ख़ुशी या स्ट्रेस होता है. इसके अलावा जिस टीम को हम सपोर्ट कर रहे होते है अगर वो जीतती है तो इस जीत से हमारा दिमाग सकारात्मक भावनाओं को प्रोड्यूस करता है और फील-गुड हॉर्मोन यानी डोपामाइन छोड़ता है और इस वजह से उत्साहपूर्ण अनुभूति पैदा होती है. 

वहीं जब हमारी टीम हारती है तो हमारा दिमाग प्रतिक्रियाओं के एक अलग सेट को ट्रिगर करता है और स्ट्रेस हॉर्मोन यानी कोर्टिसोल रीलिज करता है, जिसकी वजह से निराशा और तनाव की भावना पैदा होती है. ऐसे में  खेल के दौरान हमारे दिमाग पर काफी स्ट्रेस पड़ता है और इससे हमें एंग्जाइटी सहित कई अन्य समस्याएं भी देखने की मिलती है. अगर आपको मैच देखने के दौरान स्ट्रेस-एंग्जाइटी फील हो तो तुरंत ये उपाय अपना सकते हैं.. 

ऐसी स्थिति में करें ये काम

आपस में  करें बात – खेल देखते समय लोग इतने मशगूल हो जाते है कि आसपास बैठे लोगों से बात करना ही भूल जाते है और इस कारण वे उस समय खेल को ही सबकुछ मानने लगते है.  इस वजह से मानसिक स्वास्थ्य को क्षति पहुंचाती है. इसलिए बात करते रहें.

पानी पिएं – इसके अलावा खेल देखते समय पानी पीते रहें क्योंकि पानी हमारे शरीर की टॉक्सिसिटी को बाहर निकालने का काम करता है और इस कारण मानसिक और शारीरिक स्तर पर शरीर को तनाव नहीं होता है. 

उल्टी गिनती गिनने से होगा लाभ – वहीं अगर आपको लगता है कि मैच ऐसी स्थिति में फंस गया है जहां से आगे कुछ भी हो सकता है, तो इस स्थिति में चिल्लाएं या गुस्साएं नहीं बल्कि अपने मन में ही उल्टी गिनती गिनना शुरू कर दे, इससे आपके अंदर पेशंस आएगा. 

वहां से उठ जाएं – इसके अलावा आपको लग रहा है कि जैसा आपने सोचा था, मैच वैसे नहीं जा रहा है तो खिलाड़ियों या खुद पर झुंझलाने से अच्छा है कि आप वहां से उठ कर कहीं और चले जाएं. 

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दोहराएं कि यह सिर्फ खेल है – अगर खेल के परिणाम आपके अनुरूप नहीं आएं तो निराश और हताश होने की कोई जरूरत नहीं हैं. अपने मन को समझाएं कि यह मात्र एक खेल ही है और इसके अलावा दुनिया और भी है.