Blood Test: ये 6 टेस्ट असमय मौत से बचा सकते हैं, कैंसर से लेकर गठिया और हार्ट अटैक तक का टलेगा खतरा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Aug 14, 2023, 12:25 PM IST

6 blood  tests save untimely death

अगर आप एक लंबी और हेल्दी लाइफ जीना चाहते हैं तो आपको कुछ टेस्ट रेग्युलर कराने होगें. ये टेस्ट बीमारियों को कारण होने वाली असमय मृत्यु से बचाते हैं.

डीएनए हिंदीः हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ रहे और किसी बीमारी से उसे जूझना न पड़े. हार्ट अटैक-स्ट्रोक या कैंसर जैसी कई जानलेवा बीमारियां असमय ही अपनों को छीन लेती है लेकिन कुछ टेस्ट ऐसे हैं जो कई तरह की गंभीर जानलेवा बीमारियों का पता पहले ही बता देती हैं. इससे समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है और एक हेल्दी लॉन्ग लाइफ जी जा सकती है.

आज आपको उन 6 ब्लड टेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं  जिन बीमारियों से दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें होती है और ये बीमारियां अक्सर अपने अंतिम स्टेज में पकड़ में आती हैं. अगर 35 की उम्र के बाद से आप इन टेस्ट को रेग्युलर कराना शुरू कर दें तो आपके शरीर में कई गंभीर बीमारियों के होने की संभावना तक का पता चल सकता है और प्रॉपर इलाज से आप इन बीमारियों को मात दे सकते हैं.

ये 6 ब्लड टेस्ट कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं

1-लिपिड प्रोफाइल ब्लड टेस्ट  "अच्छे" और "खराब" कोलेस्ट्रॉल के बारे में बताते हैं. इस टेस्ट से नसों की ब्लॉकेज का पता चलता है और इससे यह भी पता चल जाता है कि आपके हार्ट पर कितना खतरा है.

2-वर्टिकल ऑटो प्रोफाइल (वीएपी)- यह कोलेस्ट्रॉल, लिपिड और लिपोप्रोटीन से जुड़ा टेस्ट है जो लिपिड प्रोफाइल के सभी घटकों को मापता है और कोलेस्ट्रॉल को उपप्रकारों का भी हाल बताता है. यदि आपको उच्च रक्तचाप, मधुमेह, या हृदय रोग या स्ट्रोक का पारिवारिक इतिहास है तो आपको  लिपिड प्रोफाइल के बजाय वीएपी टेस्ट ही कराना ज्यादा सही होगा.

3-सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी)- मोटापे और मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले मरीजों में सीआरपी स्तर ऊंचा होता है, जो कोरोनरी हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज और एथेरोजेनिक डिस्लिपिडेमिया के लिए खतरनाक है. सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट इन बीमारियों को खतरे को बताता है.

4-होमोसिस्टीन- होमोसिस्टीन में बढ़ोतरी दिल का दौरा, स्ट्रोक, अल्जाइमर रोग और ऑस्टियोपोरोसिस समेत कई और बीमारियों के खतरे का कारण होता है. इस टेस्ट को कराने से आप इन तमाम बीमारियों से बचेंगे. 

5-हीमोग्लोबिन A1C- यह परीक्षण मापता है कि हफ्तों या महीनों में रक्त शर्करा का स्तर कितनी अच्छी तरह नियंत्रित हुआ या कितना ये बिगड़ा रहा. इस टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर किडनी पर पड़ने वाले प्रेशर को समझा जा सकता है.
 

6-विटामिन डी3- विटामिन डी3 की कमी स्ट्रोक, इंसुलिन प्रतिरोध, अल्जाइमर डिमेंशिया, कोरोनरी धमनी रोग और कैंसर का कारण भी होती है, तो इसकी जांच कराना इन बीमारियों को खतरे से बचा सकता है

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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