Heat Stroke: तपती धूप में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से बच्चों को रखना है दूर, तो आजमाएं ये आसान उपाय

Written By Abhay Sharma | Updated: May 08, 2024, 06:45 PM IST

हीट स्ट्रोक से बच्चों को कैसे बचाएं

बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा खाफी ज्यादा होता है, ऐसे में तपती धूप में बच्चों को हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की समस्या से दूर रखने के लिए इन उपायों को अपना सकते हैं.

देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में तेज धूप और लू के कारण लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. खासतौर से जो बच्चे चिलचिलाती धूप में रोजाना स्कूल जा रहे हैं, उन्हें  हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में बच्चों को हीट स्ट्रोक या लू की चपेट में आने से बचाए रखना है तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है.  

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 10 से 15 साल के बच्चे हीट स्ट्रोक के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं और बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा भी का भी बड़ों से काफी ज्यादा रहता है. ऐसे में आप इन खास बातों का ध्यान रखकर इस गंभीर समस्या से खुद को बचाए रख सकते हैं. 

पहले जान लें बच्चों में हीट स्ट्रोक के लक्षण

  • फीवर आना
  • न्यूरोलॉजिकल समस्या होना
  • हार्टबीट बढ़ना
  • सिर में दर्द की समस्या
  • उल्टी और दस्त आना
  • डिहाइड्रेशन की समस्या
  • त्वचा लाल और रूखी हो सकती है

यह भी पढ़ें: दिल के लिए घातक है बढ़ता तापमान, गर्मी में हार्ट अटैक से बचना है तो इन खास बातों का रखें ध्यान


बच्चों को हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपको बच्चे को धूप, हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाए रखना है तो उनके साथ पानी की बोतल हमेशा रखें और पानी पीते रहने की सलाह दें. इसके अलावा जब भी धूप में बच्चा बाहर निकले तो सिर को कवर कर दें और बच्चों को छाता या कैप लगाकर ही बाहर भेजें. 

इसके अलावा बच्चों को हल्का खाना खिलाते रहें और भूखे न रहने दें, साथ ही बच्चों को खाने में फ्रेश फ्रूट् दें और जूस या नींबू पानी पिलाएं. समय-समय पर बच्चों को ग्लूकोन डी या ओआरएस भी पिलाते रहें. साथ ही कोशिश करें कि बच्चों को धूप और गर्मी में घर में ही रखें. 

इसके अलावा धूप में खलने या स्पोर्ट्स एक्टिविटी करने से बचाएं और बच्चों को खूब पानी पिलाएं और हाइड्रेट रखें. गर्मी में बच्चों को हल्के और सूती कपड़े ही पहनाना चाहिए. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चों को बासी और बाहर का खाना न खिलाएं. 

Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

DNA हिंदी अब APP में आ चुका है.. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.

देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.