डीएनए हिंदी: अगर आपको लगता है कि दिन में कभी भी 8 घंटे सोकर आप अपनी नींद की जरूरत को पूरा कर सकते हैं तो आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत है. नींद शरीर ही नहीं, दिमाग के लिए भी एक रिफ्रेशमेंट और रिकवरी पिल की तरह काम करती है. इसलिए अगर आप अपने शरीर के साथ दिमाग को भी एक्टिव और हेल्दी बनाए रखना चाहते हैं तो एक नई फिनो-ब्रिटिश अध्ययन की रिपोर्ट जरूर जान लें.
हाल ही में नेचर एजिंग पत्रिका में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार हेल्दी ब्रेन के लिए नींद जरूरी है और इसकी लंबाई पर विशेष फोकस किया गया है. यानी नींद कितने घंटे की कब होनी चाहिए. यही नहीं, नींद की आदर्श लंबाई के साथ यह भी बताया गया है कि ज्यादा सोने से भी नुकसान होते हैं.
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हेल्दी दिमाग के लिए आदर्श नींद की अवधि क्या है?
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (यूनाइटेड किंगडम) के मनोचिकित्सा विभाग से क्रिस्टेल लैंगली और फुडन विश्वविद्यालय (चीन) के शोधकर्ताओं ने 38-73 आयु वर्ग के लगभग 5 लाख लोगों के डेटा कलेक्ट किया और उनकी नींद का विश्लेषण किया. सभी के नींद की आदतों, मानसिक स्वास्थ्य पर इसे फोकस किया गया था. वहीं 40,000 लोगों ने ब्रेन इमेजिंग डेटा और जेनेटिक डेटा भी दिया था. इस आधार पर पाया गया कि जिनके नींद की अवधि रात में कम थी उनके ब्रेन उन लोगों से कम एक्टिव थे जो रात में निश्चित अवधि तक सोते थे.
रिसर्च के अनुसार 40 वर्ष की आयु के बाद नींद की अवधि 7 घंटे होनी चाहिए. ये नींद रात में होनी चाहिए. इससे नॉलेज गेन करने, यादादश्त मजबूती और अलर्टनेस ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं, लंबे समय तक सोने के नुकसान भी सामने आए थे. जैसे चिंता और अवसाद लोगों में ज्यादा होना.
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रात में देर तक जागने से होता है नुकसान
7 घंटे की नींद जरूरी है, लेकिन अगर आप रात में देर तक जागते हैं या देर रात सोने की आदत है तो ये आपकी मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी प्रभावित करता है. आपके अंदर अलर्टनेस कम होती है और धीरे-धीरे इसका असर मेमोरी पर पड़ता है. शोधकर्ता कहते हैं कि नींद का पैटर्न भी दिमाग की कार्यशैली को प्रभावित करता है. इससे मानसिक विकार और मनोभ्रंश जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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