आजकल की खराब लाइफस्टाइल, गड़बड़ खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण लोग लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याओं से परेशान हैं. लिवर से जुड़ी बीमारियों में सबसे कॉमन समस्या है फैटी लिवर की, आजकल लोग तेजी से इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. बता दें कि यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण लिवर में चर्बी जमा हो जाती है और लिवर अंदर-अंदर डैमेज होने लगता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फैटी लिवर रोग दो प्रकार के होते हैं, पहला एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD) और दूसरा है नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (Fatty Liver) डिजीज.
दरअसल जो लोग बहुत अधिक शराब पीते हैं उन्हें एल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है और जो लोग बहुत कम शराब पीते हैं या नहीं पीते हैं, उन्हें नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) की बीमारी हो सकती है...
लोगों में बढ़ रही है फैटी लिवर की समस्या (ILBS Survey On Fatty Liver)
इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस यानि आईएलबीएस के द्वारा दिल्ली के 11 जिलों में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि दिल्ली के लोगों में फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. इस सर्वेक्षण के मुताबिक 18 वर्ष से ऊपर के हर दो में से लगभग एक व्यक्ति को मेटाबॉलिज्म से जुड़ी फैटी लीवर एमएएफएलडी (Metabolic dysfunction-associated fatty liver disease) की बीमारी है. बता दें कि इस सर्वे में 6 हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया और आईएलबीएस के डॉक्टरों के मुताबिक स्टडी के दौरान सर्वे में शामिल कुल लोगों में से 56% (3,468 प्रतिभागियों) में एमएएफएलडी पाया गया.
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बता दें कि एमएएफएलडी का तात्पर्य लिवर में फैट के निर्माण से है, जो कि ज्यादा वजन,मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल और मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार जैसे एक या ज्यादा मेटाबॉलिक जोखिम का कारण है. सर्वे में शामिल ज्यादातर लोग मोटापे का शिकार हैं, इसके अलावा फैटी लिवर से पीड़ित 11 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जो पतले और नॉर्मल वेट के हैं. ये चिंता का विषय है और लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाना बहुत ही जरूरी है.
गंभीर बीमारियों से जुड़ा है MAFLD
सर्वे रिपोर्ट के लेखक डॉ सरीन का कहना है कि एमएएफएलडी लिवर की गंभीर बीमारियों से जुड़ा है, जैसे गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस यानि बहुत कम या बिल्कुल शराब नहीं पीने वाले लोगों में लिवर में फैट का जमा होना, लिवर में घाव या स्थायी डैमेज, लिवर कैंसर आदि.
MAFLD जोखिम को कैसे कम करें
आईएलबीएस के निदेशक ने कहा कि MAFLD जोखिम को कम करने के लिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं, इसमें वजन कम करना, व्यायाम करना, समय पर खाना और बचपन के मोटापे को रोकना आदि शामिल हैं...
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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