Working Women Health: तेजी से बढ़ रही हैं वर्किंग वूमेन्‍स में इस खास वजह से गंभीर बीमारियां

ऋतु सिंह | Updated:Aug 07, 2022, 11:39 AM IST

वर्किंग वूमेन्‍स में बढ़ रही हैं गंभीर बीमारियां, जानें ये बड़ी वजह

Deadly Diseases Rise in Women: घर-परिवार और ऑफिस के बीच सांमजस्‍य बिठाने के चक्‍कर में भारतीय महिलाएं तेजी से गंभीर बीमारियों का शिकार बन रही हैं. इसमें कैंसर से लेकर दिल के दौरे जैसी कई गंभीर बीमारियां शामिल हैं.

डीएनए हिंदी: तनाव और भागदौड़ की जिंदगी में घर और बाहर दोनों का काम संभाल रही महिलाएं खुद पर ध्‍यान कम दे रही हैं. यही वजह है कि स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति लापरवाही से उनमें बीमारियां बढ़ रही हैं. 

जन स्वास्थ्य वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष, लोक स्वास्थ्य विभाग जी डी गोयनका विश्वविद्यालय के डॉ.प्रणव प्रकाश का कहना है कि भारतीय महिलाओं में पीसीओएस और सर्वाइकल कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. विशेषज्ञों को मानना है कि स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सजग होने के बाद भी वे अपने हेल्‍थ को लेकर काम नहीं कर पातीं. वजह समय की कमी और घर-बाहर के काम के बीच सामांजस्‍य बिठाने में वह थक जाती हैं. घर और ऑफिस आने-जाने और वहां के काम के चलते वह खुद पर ध्‍यान नहीं दे रही हैं. 

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इन बीमारियों के चपेट में आ रही भारतीय महिलाएं 

डिप्रेशन- जॉब के अलावा घर-‍परिवार और बच्‍चों की देखरेखभी कई जिम्मेदारियां महिलाओं को तनाव का शिकार बना रहे हैं. मनोरंजन की कमी और सामाजिक रूप से अलग-थलग होने का असर उनके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ने लगा है. लंबे समय तक एक ही रुटीन के कारण वह डिप्रेशन में आ रही हैं.

मोटापा- समय की कमी से वजन का बढ़ना बड़ी समस्‍या बन रही है. थकान और समय की कमी से एक्‍सरसाइज से दूर हो रही इन महिलाओं में वेट बढ़ने की समस्‍या हो रही है. वेट बढ़ाने से कई अन्‍य समस्‍याएं भी बढ़ने लगी हैं. खानपान का गलत समय और कुछ भी खा लेने की आदत अब भारी पड़ने लगी है. 

माइग्रेन- तनाव और खानपान की गड़बड़ी से माइग्रेन भी एक गंभीर वजह बन रही है. 

ब्‍लड प्रेशर- हाई कोलेस्‍ट्रॉल और डाय‍बिटीज- ये तीनों ही बीमारियां महिलाओं में तेजी से बढ़ रही हैं. इसके पीछे केवल खानपान और एक्‍सरसाइज की कमी ही नहीं, शराब और स्‍मोकिंग की लत भी बन रही है. 

हड्डियों की दर्द- लगातार लंबे समय तक बैठे रहने, गलत पॉस्चर के कारण ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या महिलाओं में बढ़ी है. 

पीसीओएस / पीसीओडी - पीसीओएस या पीसीओडी (PCOS OR PCOD) यानी ‘पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम’ या ‘पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर’ भी महिलाओं में तेजी से पनप रहा है. हॉर्मोनल असंतुलन के कारण ऐसा हो रहा है. इसमें गर्भाश्‍य में सिस्ट होने लगते हैं.

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जानिए क्‍या कहती है रिपोर्ट
डॉ.प्रणव प्रकाश ने बताया कि शोधकर्ता बड़े पैमाने पर कामकाजी महिलाओं पीसीओएस, सर्वाइकल कैंसर, दिल का दौरा, स्‍ट्रोक जैसी कई गंभीर बीमारियों का पाया है. इसके पीछे वजह तनाव, काम का दबाव, खानपान का सही न होना और स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति लापरवाही है. मानसिक दबाव बीमारियों की बड़ी वजह बन रही है.

डॉ.प्रणव प्रकाश के अनुसार पीसीओएस से पीड़ित 61 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने अपनी हेल्‍थ को नजरअंदाज किया था. ऐसा ही कुछ हाल सर्वाइकल कैंसर पीडि़त कामकाजी महिलाओं का भी था. 
इन बीमारियों से बचाव का एक ही तरीका 
किसी भी गंभीर बीमारी से बचने का एक ही तरीका है अपनी हेल्‍थ पर ध्‍यान देना. सही खानपान, लाइफस्‍टाइल और एक्‍सराइज के साथ नियमित बॉडी चेकअप से बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है. 

डॉ. प्रणव का कहना है कि केवल 30% से कम महिलाएं ही नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच कराती हैं.  2019-20 के एनएफएचएस-5 सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि 10 में से 7 महिलाएं दिल का दौरा, स्ट्रोक और सांस की परेशानी सहित गैर-संचारी रोग से मर जाती हैं. इसी सर्वेक्षण में पाया गया कि 50% से अधिक शहरी महिलाएं एनीमिक हैं. 

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