क्या है Parkinson's Disease? रिपोर्ट में खुलासा: 2033 तक इस लाइलाज बीमारी के होंगे 3.15 मिलियन केस

Written By Abhay Sharma | Updated: Nov 18, 2024, 09:20 PM IST

Parkinson's Disease

Parkinson's Disease: रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले समय में पार्किंसंस के मामलों में तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है. 2033 तक दुनियाभर में इस लाइलाज बीमारी के 3.15 मिलियन मामले देखने को मिल सकते हैं...

पार्किंसंस (Parkinson's Disease) एक लाइलाज बीमारी है, जो दुनियाभर में लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह बीमारी अल्जाइमर के बाद बुजुर्गों में होने वाला दूसरा सबसे सामान्य क्रॉनिक न्यूरोडीजेनेरेटिव (Neurodegenerative Diseases) रोग है. रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले समय में पार्किंसंस के मामलों में तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है. ऐसे में इसपर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है. आइए जानते हैं रिपोर्ट क्या कहती है और इसके लक्षण क्या हैं... 

क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2023 में 2.64 मिलियन मामलों से यह संख्या 2033 तक 3.15 मिलियन तक पहुंच सकती है, इतना ही नहीं इस दौरान रोगियों की संख्या में वार्षिक वृद्धि दर 1.94 प्रतिशत रहने की संभावना है. इसके अलावा यह वृद्धि विशेष रूप से सात प्रमुख देशों (अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और जापान) में देखने को मिल सकती है. चिंता जताई जा रही है कि आने वाले दशक में यह बीमारी अधिक वृद्ध आबादी वाले देशों के लिए चुनौती बन सकती है.

यह भी पढ़ें: जोड़ों में रहता है दर्द? कहीं आपकी बॉडी में तो नहीं इस विटामिन की कमी, ऐसे लगाएं पता

क्या है ये बीमारी?
बता दें कि पार्किंसन रोग मुख्य रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है. रिपोर्ट की मानें तो पार्किंसन बीमारी के मामलों में पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में थोड़ी अधिक होगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, और इलाज सिर्फ इसके लक्षणों से राहत प्रदान करता है.

क्या हैं इसके लक्षण?
ऐसी स्थिति में मरीज को संतुलन संबंधी समस्याएं, इनवॉलेंटरी एक्टिविटीज, कंपकंपी, गंध की हानि, नींद की समस्याएं और संज्ञानात्मक गिरावट जैसे लक्षण दिख सकते हैं, जो समय के साथ और ज्यादा खराब हो जाते हैं. 

बुजुर्ग आबादी के लिए बन सकती है चुनौती
पार्किंसन बुजुर्ग आबादी को प्रभावित करने वाले सबसे आम क्रोनिक, प्रगतिशील न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों में से एक है. यह मुख्य रूप से वृद्ध वयस्कों को प्रभावित करता है और इसलिए बढ़ती उम्रदराज आबादी वाले देशों को पार्किंसन से पीड़ित व्यक्तियों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रणनीति विकसित करनी चाहिए.. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

 ख़बरों जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.