भारत समेत दुनियाभर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के कारण हार्ट अटैक स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. शरीर की नसों में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) के चलते लोग चलते-फिरते हार्ट अटैक (Heart Attack) की चपेट में आ रहे हैं. आमतौर पर लोग कोलेस्ट्रॉल को काबू में रखने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं और डाॅक्टर द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं. बता दें कि अब तक, हाई कोलेस्ट्रॉल से जुझ रहे भारतीयों के पास इस समस्या को कंट्रोल करने के लिए कोई खास गाइडलाइंस (Cholesterol Guidelines) नहीं थी.
लेकिन, अब पहली बार भारत में CSI ने हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे मरीजों को इस गंभीर समस्या से लड़ने के लिए लिपिड प्रबंधन के लिए नई गाइडलाइंस (Lipid Guidelines) मिला है. बता दें कि ये गाइडलाइंस भारतीयों के खानपान और जीवनशैली को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं, इससे डॉक्टरों को भी मरीज (CSI's guidelines) के इलाज में मदद मिलेगी...
भारत में हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा
पूरे भारत में हाई कोलेस्ट्राॅल (Dyslipidemia) की समस्या आम है, खासतौर से शहरी क्षेत्रों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है. ऐसे में भारत में दिल की बीमारी की हाई दर और दुनिया में सीवीडी (CVD) के कारण होने वाली सबसे अधिक अकाल मृत्यु दर को देखते हुए डॉक्टरों ने इन लिपिड गाइडलाइन को जारी किया है.
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CSI के अध्ययन के मुताबिक, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना और मणिपुर को छोड़कर भारत के लगभग सभी राज्यों में रहने वाले लोगों में HDL कोलेस्ट्रॉल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम पाया गया. वहीं हाई LDL- कोलेस्ट्रॉल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल उत्तरी क्षेत्र, केरल और गोवा में सबसे अधिक मिला है.
क्या है ये गाइडलाइंस
बता दें कि 22 सदस्यीय कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (CSI) की समिति ने 4 जुलाई को कोलेस्ट्रॉल लेवल (डिस्लिपिडेमिया) में होने वाले असामान्य फ्लक्चुएशन को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी किया है. इसकी मदद से आप अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रख सकते हैं.
- CSI द्वारा जारी इस गाइडलान के मुताबिक जिन लोगों के परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा है या जिनका ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है उन्हें अपना पहला लिपिड प्रोफाइल 18 साल या उससे कम उम्र में करवा लेना चाहिए.
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- इसके अलावा कम जोखिम वाले व्यक्तियों को LDL लेवल को 100 मिलीग्राम/डीएल से कम और गैर- HDL के स्तर को 130 मिलीग्राम/डीएल से कम बनाए रखने का लक्ष्य रखना चाहिए.
- उच्च जोखिम वाले लोगों जैसी की डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजोंं का LDL लेवल 70 मिलीग्राम/डीएल से कम और गैर HDL लेवल को 100 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए.
- वहीं सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों जैसी की स्ट्रोक पीड़ित, दिल का दौरा पीड़ित, क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को अपना LDL लेवल 55 मिलीग्राम/डीएल से कम और गैर HDL लेवल 85 मिलीग्राम/डीएल से कम रखना चाहिए.
- साथ ही इन लोगों को खाने में चीनी और कार्बोहाइड्रेट कम लेना चाहिए और हार्ट को हेल्दी बनाए रखने के लिए योग और एक्सरसाइज करते रहना चाहिए.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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