डीएनए हिंदीः यूरिक एसिड (Uric Acid) के शरीर में बढ़ने से हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याएं (Bone and Muscle Problems) होने लगती हैं. आर्थराइटिस और साइटिका (Arthritis and Sciatica) जैसी दिक्कतों से अगर आप जूझ रहे हैं तो आपको कुछ नेचुरल औषधियों (Natural Medicine) का सहारा जरूर लेना चाहिए. गठिया (Gathiya) जैसी गंभीर दर्दनाक बीमारी से निजात दिलाने में कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां चमत्कारिक रूप से काम करते हैं.
यूरिक एसिड ब्लड में बढ़ने से घुटने या जोड़ों का दर्द सबसे पहले शुरू होता है. दर्द, सूजन, और जकड़न के कारण चलना-फिरना ही नहीं, उठना-बैठना सोना तक मुश्किल हो जाता है लेकिन यहां आपको कुछ ऐसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताएंगे जो आर्थराइटिस और यूरिक एसिड में प्राकृतिक दवा की तरह काम करती हैं.
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घुटनों के दर्द और यूरिक एसिड बढ़ रहा शुरू करें इन चीजों का सेवन
लहसुन
लहसुन में डायलील डाइसल्फ़ाइड होता है जो जोड़ें में क्रिस्टल की तरह जमा यूरिक एसिड को तोड़ता है और सूजन को खत्म करने का काम करता है. लहुसन प्रो इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के प्रभाव को कम करने में दवा की तरह काम करता है. लीक और प्याज भी यूरिक एसिड में बहुत कमाल का असर दिखाते हैं बस इन चीजों को कच्चा खाने की आदत डाल लें. दर्द से लेकर जकड़न हर तरह की समस्या दूर होगी.
अदरक
अदरक भी सूजन रोधी गुणों से भरा होता है और गर्म तासीर के कारण ब्लड में समाहित यूरिक एसिड को बाहर करने में भी बहुत कारगर है. इसमें मौजूद ल्यूकोट्रिएन्स और प्रोस्टाग्लैंडीन तत्व सूजन और दर्द पैदा करने वाले अणुओं को कम करता है. ये उन हार्मोंस को निष्क्रिय करता है जो जो दर्द और सूजन को प्रेरित करते हैं.
एलोवेरा
वैकल्पिक चिकित्सा में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियों में से एक एलोवेरा है. यह गोलियों, पाउडर जेल या रस के रूप में यूज किया जा सकता है. एलोवेरा जोड़ों के दर्द की वो नेचुरल दवा है जो प्राकृतिक रूप से दर्द को ठीक कर ब्लड से यूरिक एसिड को यूरिन के जरिये बाहर कर देता है.
कच्ची हल्दी
कच्ची हल्दी चीनी और आयुर्वेदिक चिकित्सा दोनों में ही जोड़ों के दर्द और मस्कुलोस्केलेटल रोगों सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग होती है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन ही एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा होता है. ये ब्लड प्यूरिपफायर की तरह काम करती है. इसमें मौजूद एनाल्जेसिक जैसे तत्व यूरिक एसिड को बाहर निकालने का काम करते हैं.
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नीलगिरी
नीलगिरी के पत्ते ही नहीं, इसके तेल भी जीवाणुरोधी और सूजन रोधी होते हैं. एंटीऑक्सिडेंट गुणों के अलावा नीलगिरी के पत्तों में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स ऑक्सीडेटिव मांसपेशियों के दर्द, स्ट्रेस को कम करने वाला होता है. नीलगिरी के पत्ते के अर्क द्वारा इंटरल्यूकिन-6 और ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा स्तर को काफी कम कर देता है इससे शरीर के जोड़ों में जमा यूरिक एसिड और इससे होने वाला जोड़ों का दर्द औ सूजन कम होता है.
दालचीनी
दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन को कम करने का दम होता है. दालचीनी ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन पर काम करता है. जोड़ों की परेशानी में आराम पाने के लिए इसे रोज अपनी डाइट में शामिल करें. दालचीनी का काढ़ा या पाउडर बना कर इसे फांक लें.
काली मिर्च
अध्ययनों के अनुसार काली मिर्च में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. इसमें मौजूद पिपेरिक एसिड सूजन रोधी होते हैं और एडिमा में भी काम आते हैं. ये घुटने के दर्द की नेचुरल दवा हैं. कम से कम रोज एक चम्मच काली मिर्च किसी न किसी रूप में प्रयोग करना शुरू कर दें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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