डीएनए हिंदी: Hormonal Deficiency in Hindi- Insulin एक ऐसा हॉर्मोन (Hormone) है जो खून में ग्लूकोज बनाता है, जिससे शरीर को ऊर्जा (Energy) मिलती है. सिंपल भाषा में अगर कहें तो इंसुलिन एक प्रकार का हॉर्मोन है, जो हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट और वसा (Fat and Carbs) यानि फैट को एनर्जी यानि ऊर्जा में कन्वर्ट करने का काम करता है. शरीर के हर हिस्से में हम जो भी खाते या पीते हैं उसे ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है. अगर शरीर में इसकी कमी होती है तो केवल डायबिटीज (Diabetes) ही नहीं बल्कि कई बड़ी बीमारियां भी होने लगती है. आईए जानते हैं इस एक हॉर्मोन की कमी (Insulin deficiency) से शरीर में क्या क्या रोग दिखाई देते हैं.
डायबिटीज का रोग होता है (Lack of insulin)
हम सब जानते हैं कि अगर शरीर में इंसुलिन की कमी होती है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है तो निश्चित तौर पर डायबिटीज (Diabetes) की बीमारी घर कर लेती है. दरअसल, इंसुलिन की कमी से हमारा शरीर शुगर नहीं पचा पाता जिससे खून में शुगर की मात्रा बढ़ (Sugar Level High) जाती है और आपको डायबिटीज हो जाती है. ऐसे में इंसुलिन के काम काज को तेज करने के लिए दवाइयां और ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कई रास्ते अपनाने होते हैं.
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किडनी की समस्या (Kidney Problem)
इंसुलिन की कमी से हाइपरग्लाइकेमिया (hyperglycemia) हो जाता है. हाइपरग्लाइकेमिया के प्रभाव से ऑस्मोटिक ड्यूरिसिस और कीटोएसिडोसिस हो सकता है जो आपकी किडनी के काम काज को प्रभावित कर सकता है. इससे कई बार किडनी काम करना बंद कर सकती है और आपकी किडनी फेल भी (Kidney Fail) हो सकती है. इसके अलावा इंसुलिन आपके खून में शुगर को भी नियंत्रित करती है. यह बढ़ा हुआ शुगर आपके हृदय, गुर्दे,आंखों और मस्तिष्क सहित आपके शरीर के कई हिस्सों में समस्याएं पैदा कर सकता है
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पैंक्रियाज खराब हो सकती है (Pancreas Problem)
इंसुलिन की कमी आपके पैंक्रियाज के काम काज को भी प्रभावित करती है और पैंक्रियाटिस (pancreatitis) का कारण बनती है. दरअसल, इंसुलिन पैंक्रियास से प्रड्यूस होता है और जब यह बंद हो जाता है तो पैंक्रियाज में एक सूजन पैदा होती है जिसे हम पैंक्रियाटिस (pancreatitis) कहते हैं. इससे आंत और पेट में भी समस्या शुरू हो जाती है.
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मोटापा बढ़ता है (Obesity)
अगर शरीर में सही से इंसुलिन नहीं बनती है तो आपका वजन बढ़ सकता है. मोटापा होना आम बात हो जाती है. इंसुलिन एक रासायनिक संदेशवाहक है जो खून में ग्लुकोज का संदेश पहुंचाता है, पैंक्रियाज में कोशिकाओं के समूह आइलेट्स नामक हार्मोन का उत्पादन करते हैं और शरीर में ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर मात्रा निर्धारित करते हैं. ऐसे में जब इंसुलिन की कमी होती है तो बॉडी शुगर सही से नहीं पचा पाती और यह मोटापा बढ़ने का भी कारण बन जाता है
मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता (Metabolism)
इंसुलिन ऊर्जा के लिए फैट या प्रोटीन को तोड़ने में भी मदद करता है लेकिन जब इसकी कमी होने लगती है तो प्रोटीन मेटाबॉलिज्म यानी कि प्रोटीन पचने की प्रक्रिया भी गड़बड़ा जाती है. ऐसे में जब शरीर प्रोटीन को नहीं पचा पाता तो, दूसरी अन्य समस्याएं जैसे कि कमजोर हड्डियां, मोटापा, क्रेविंग का बढ़ना, मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं और हेयर फॉल आदि होने लगता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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