International Day Against Drug Abuse And Illicit Trafficking डे पर आपको भी यह जानना चाहिए कि किस तरह से ड्रग्स का आदि होना आपके मानसिक और शारीरिक स्वाकस्य के लिए घातक साबित होता है.
ड्रग्स शरीर को अंदर से खोखला बनाने के साथ किडनी और लिवर के साथ हार्ट को डैमेज करने का काम करता है. इतना ही नहीं ये मतिभ्रम और दिमागी कमजोरी की वजह के साथ ही डिप्रेशन की वजह भी बनता है. ड्रग्स के ओवरडोज से व्यक्ति की मौत भी हो सकती हैं. जानिए कि कैसे सभी प्रकार के ड्रग्स आपके नर्वस सिस्टम (nervous system) को प्रभावित करते हैं.
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क्या कहता है शोध?
नशीली दवाओं के दुरुपयोग से आपका ब्रेन सही से काम करना बंद कर देता हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज (NIDA) की रिपोर्ट है कि ब्रेन स्टेम (brain stem), लिम्बिक सिस्टम (limbic system ) और सेरेब्रल कॉर्टेक्स (cerebral cortex) सभी प्रभावित होते हैं. ब्रेन स्टेम आपके रोजाना जीवन के कार्यों को नियंत्रित करता हैं, जिसमें नींद, श्वास और हृदय गति शामिल है, जबकि लिम्बिक सिस्टम आपके ईमोशन को कंट्रोल करता हैं. जितनी ज्यादा ड्रग्स का उपयोग किया जाता है, उतना ही वो ब्रेन स्टेम और लिमबिक सिस्टम को प्रभावित करने लगता है. यह आपको अडिक्शन या लत्त का शिकार बनाने लगता है. इसके स्वास्थ्य पर कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं. तो चलिए जानें कि ड्रग्स किस तरह से शरीर और दिमाग दोनों को खत्मआ करने लगता है.
1. डोपामाइन (Dopamine)
यह ड्रग्सप न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitter) मूड को नियंत्रित करने के साथ ही शरीर को बहुत एक्टिव कर देता है. इसे लेने के बाद बहुत आनंद की अनुभूति होती है. अगर लंबे समय तक डोपामाइन को लिया जाए तो ये हाई बीपी की बड़ी वजह बनती है और ये हार्ट से लेकर किडनी और लिवर तक को डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है.
2. सेरोटोनिन (Serotonin)
यह न्यूरोट्रांसमीटर मूड को स्थिर करने और भावनाओं को नियंत्रित करने का काम करता है और जब ये ओवरडोज होने लगता है तो ये डिप्रेशन के लिए भी जिम्मे दार होता है.
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3. गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड (Gamma-aminobutyric acid)
GABA एक प्राकृतिक ट्रैंक्विलाइज़र के रूप में कार्य करता है, तनाव प्रतिक्रिया को कम करता है और चिंता के स्तर को कम करने के साथ-साथ सेंट्रल नर्वस सिस्टम के कार्यों को धीमा करता है.
4. नॉरपेनेफ्रिन (norepinephrine)
एड्रेनालाईन के समान, नॉरपेनेफ्रिन को अक्सर “तनाव हार्मोन” (stress hormone) कहा जाता है, क्योंकि यह “फाइट-या-फ्लाइट” प्रतिक्रिया के जवाब में सेंट्रल नर्वस सिस्टम को बढ़ा देता है. यह ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हुए फोकस और ध्यान भी रखता है लेकिन ये लंबे समय तक लिया जाए तो उल्टाे असर दिखाना शुरू कर देता है.
ब्रेन केमिकल्स पर ड्रग्स के दुष्प्रभाव
1. मारिजुआना
मारिजुआना सबसे नियमित रूप से इस्तेमाल की जाने वाली अवैध ड्रग्स है. एनआईडीए (NIDA) की रिपोर्ट के अनुसार इसका उपयोग किशोरों और युवा वयस्कों में विशेष रूप से आम है. यह आपकी अल्पकालिक स्मृति का प्रबंधन करता है, जिसका अर्थ है कि मारिजुआना का उपयोग हाल की घटनाओं की याद में बाधा डाल सकता है.
मारिजुआना का अधिक सेवन से मोटर स्किल्स, मनोदशा में बदलाव, मेमोरी लॉस और स्पष्ट रूप से सोचने और समस्याओं को हल करने में परेशानी होने लगती है. ये सामान्य अल्पकालिक दुष्प्रभाव हैं। मारिजुआना मस्तिष्क में डोपामिन के स्तर में भी गिरावट लाता हैं, जिससे उनके व्यवहार में काफी बदलाव आ जाता हैं. मारिजुआना के मस्तिष्क पर कई दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भी होते हैं, जो विशेष रूप से उन व्यक्तियों में प्रचलित हैं जो ब्रेन के पूरी तरह से विकसित होने से पहले ही इसका सेवन करने लगते हैं.
2. हेरोइन
हेरोइन आपके ओपिओइड रिसेप्टर्स से बंधते हैं और डोपामाइन की रिहाई को ट्रिगर करते हैं। एक मायने में, ये दवाएं मस्तिष्क में लिम्बिक सिस्टम को हाईजैक कर लेती हैं। हेरोइन को सबसे तेज़ असर करने वाला ड्रग्स माना जाता है, जो लगभग तुरंत प्रभाव डालता है और इसे ज्यादा नशा बनता हैं. जब कोई हेरोइन बार-बार लेता है, तो वे इसके प्रति सहनशीलता विकसित कर सकते हैं क्योंकि शरीर और ब्रेन को इसकी आदत हो जाती है. अधिक प्रभाव महसूस करने के लिए व्यक्ति तब ज्यादा हेरोइन ले सकते हैं। अडिक्शन के बाद ड्रग्स के बंद होने पर डोपामाइन का स्तर गिर जाता है.
3. कोकीन, मेथामफेटामाइन, और अन्य स्टिमुलेन्ट
कोकीन, मेथामफेटामाइन, और अन्य स्टिमुलेन्ट सेंट्रल नर्वस सिस्टम की गति को प्रभावित करता है. हार्ट रेट , शरीर के तापमान और रक्तचाप को बढ़ा देता है, जबकि ऊर्जा के स्तर, ध्यान, सतर्कता और जागरुकता को भी बढ़ाते हैं. वे भूख को भी दबाते हैं. कोकीन और मेथ, विशेष रूप से, अधिक नशा करते हैं क्योंकि वे तेजी से मस्तिष्क को डोपामाइन से भर देते हैं.
ड्रग्स के बाद होता है क्रैश
नशे के बाद आने वाला “क्रैश” बहुत हानिकारक होता है. इसमें व्यक्ति अत्यधिक थका हुआ, भूखा, चिड़चिड़ा, मानसिक रूप से भ्रमित और उदास महसूस करता है. इसके कारण हार्ट अटैक का भी जोखिम हो सकता हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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