डीएनए हिंदी: जब शरीर में बिलीरूबिन (Bilirubin) का निर्माण होने लगता है तब पीलिया (Jaundice) होता है. बरसात (Monsoon) के मौसम में पीलिया (Jaundice in Monsoon) होने की संभावना ज्यादा होती है. पीलिया में त्वचा,आंखों के सफेद भाग और म्यूकस (शरीर से निकलने वाला कफ) इन सभी का रंग पीला हो (Yellow eyes and Yellow Skin) जाता है और शरीर में रेड सेल्स टूटने लगते हैं. Jaundice का सबसे ज्यादा असर आंखों पर दिखता है, आंखें बिल्कुल पीली हो जाती हैं.
बिलीरूबिन एक प्रकार का पित्त (Bile) है, जो लाल-नारंगी रंग का होता है.इस पित्त को यकृत यानी लिवर (Liver) यह शरीर के अंदर मेटाबॉल्जिम की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करता है. शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए यह बड़े अणुओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करता है. आईए जानते हैं जॉइंडिस किन कारणों से होती है और इसके लक्षण क्या है. कैसे इसका इलाज करें
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कारण (Cause of Jaundice)
- जॉइंडिस की समस्या पित्त के बनने से संबंधित होती है.शरीर में अगर पित्त के सही प्रकार से बनने की प्रक्रिया किसी भी कारण से रूक जाती है तो यह बीमारी होती है.
- बारिश के दिनों में बासी भोजन करने से भी पीलिया की समस्या हो सकती है क्योंकि आजकल भोजन बहुत जल्दी दूषित होता है.
- वातावरण में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया भोजन को जल्दी खराब कर देते हैं.
- संक्रमित पानी पीने से भी पीलिया का रोग हो जाता है.इसलिए खासतौर पर बारिश के दिनों में पीने वाले पानी की स्वच्छता को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है.
- बिलीरूबिन बनने के बाद पित्त नलिकाओं में रुकावट के कारण भी पीलिया हो सकता है
- हेपेटाइटिस ए, क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी का वायरस अगर शरीर में पहुंचता है तब पीलिया होता है.
- जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है.
- कई बार दवाओं के रिएक्शन की वजह से भी पीलिया हो सकता है.
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लक्षण (Symptoms of Jaundice)
यह बीमारी अंदर ही अंदर पनपती रहती है और फिर किसी अन्य बीमारी की जांच के दौरान यह रोग सामने आ सकता है.
कई बार पीलिया जानलेवा भी बन जाता है. इस रोग की गंभीरता इसके विकसित होने के कारणों और बीमारी के बढ़ने के तरीकों पर निर्भर करती है.
बुखार
ठंड लगना
पेट में दर्द होना
फ्लू के लक्षण दिखना
त्वचा का रंग बदलना
यूरिन का रंग गाढ़ा पीला होना
इलाज (Treatment of Jaundice)
घरेलू उपचार का इस्तेमाल करके आप इसका इलाज कर सकते हैं. मूली या फिर मूली का रस आपके लिए राहत का काम करेगा. इसके अलावा डॉक्टर की दवाएं तो है ही. गन्ने का रस पीएं और साबुत धनिया रात भर भिगोकर रख दें और फिर उसका पानी सुबह पीएं
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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