डीएनए हिंदी: (Jelly Belly Cancer Symptoms And Treatment) कैंसर बेहद खतरनाक बीमारियों में से एक है. मेडिकल साइंस के तेजी प्रगति करने के बावजूद कैंसर के ज्यादातर मरीजों को बचाना मुश्किल हो जाता है. इसकी वजह कैंसर का थर्ड या लास्ट स्टेज पर पता लगना हैं. वहीं कुछ कैंसर इतने खतरनाक होते हैं, जिनमें व्यक्ति की जान बचाना नामुमकिन हो जाता है. इन्हीं में एक जेली बेली कैंसर है. दुनिया भर के कई देशों में इसके मामले बढ़ रहे हैं. इस कैंसर को स्यूडो माइक्सोमा पेरिटोनी कहा जाता है. यह पेल्विक एरिया में जेली के रूप में बन जाता है. यह कैंसर इतना खतरनाक है कि धीरे धीरे आंतों को अपनी जद में ले लेता है. हालांकि समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर कैंसर से क्योर किया जा सकता है.
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अपेंडिक्स की अंदरूनी गांठ की तरह होता है जेली बेली कैंसर
जेली बेली कैंसर अपेंडिक्स की अंदरूनी परत पर एक गांठ की तरह शुरू होता है. यह गांठ धीरे धीरे बढ़ती है और आसपास के एरिया को प्रभावित करने लगती है. यह ब्लैडर से लेकर ओवरी और बड़ी आंत को अपनी जद में ले लेती है. इसकी वजह इस कैंसर का एक लिक्विड फोम में होना है, जो धीरे धीरे फैलना शुरू होता है. यह अपेंडिक्स के आसपास के एरिया समेत बड़ी आंत में फैल जाता है. इसके बार सभी ऑर्गन फैल कर देता है. इस कैंसर में ध्यान न देने पर जल्द ही जान चली जाती है.
सिर्फ पेट में फैलता है ये कैंसर
एक्सपर्ट्स की मानें तो यह कैंसर पूरे शरीर में नहीं फैलता. यह अपेंडिक्स से शुरू होकर होकर आंतों और पेल्विक हिस्से को प्रभावित करता है. इसकी वजह से व्यक्ति को अपच और पेट में दर्द शुरू हो जाता है. पेट में एक गांठ दिखने लगती है, जो भूख लगाना बंद कर देती है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने के साथ ही जांच कराना आवश्यक है. इस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए.
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जेली बेली कैंसर के ये हैं लक्षण
डॉक्टर्स के अनुसार, जेली बेली कैंसर के कुछ लक्षण शुरुआत में ही दिखने लगते हैं. इनमें पेट में दर्द से लेकर सूजन और सांस फूलने लगती है. इसे पेट भरा भरा रहता है और भूख नहीं लगती. व्यक्ति को अपच और कब्ज की समस्या भी शुरू हो जाती है. ऐसे लक्षणों को भूलकर भी इग्नोर न करें. इसका तुरंत ही इलाज करा लें.
इस कैंसर का इलाज और बचाव के तरीके
जेली बेली कैंसर का इलाज थेरेपी और मेडिकेशन से किया जा सकता है. इसकी सर्जरी भी की जा सकती है. इसकी एक गांठ धीरे धीरे बढ़ जाती है, जिसे समय रहते पहचाने और जांच कराने पर कैंसर को कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं कैंसर के खतरे को कम करने के लिए डाइट का खास ध्यान रखें. ज्यादा तला भूना और स्पाइसी खाना न खाएं. दिनचर्या में योगा, वर्कआउट और एक्सरसाइज जरूर करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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