Ber Health Benefits: बेर ही नहीं, इसकी पत्तियां, बीज सेहत के लिए रामबाण, खाने का तरीका बस जान लीजिए

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 07, 2022, 05:46 PM IST

Jujube यानी बेर ही नहीं इसकी पत्तियां, फल, पेड़, बीज सब कुछ है स्वास्थ्य के लिए रामवाण, जानिए इस्तेमाल कैसे करें

डीएनए हिंदी: बेर एक ऐसा फल है जो बहुत ही सस्ता और आसानी से कहीं भी मिल जाता है लेकिन ये हर सीजन में नहीं मिलता. बेर में बहुत ही कम मात्रा में कैलोरी होती है लेकिन एनर्जी काफी होती है, इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व, विटामिन्स पाए जाते हैं. साथ ही इसमें भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. हल्के हरे रंग का यह फल पक जाने के बाद लाल-भूरे रंग का हो जाता है. बेर को चीनी खजूर के नाम से भी जाना जाता है, ये खाने में खट्टे मीठे होते हैं. आईए जानते हैं इस फल के कुछ फायदे
 
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सेहत के लिए रामवाण है (Health Benefits of Jujube in Hindi)

बेर के पत्ते के फायदे (Jujube leaves benefits) 

बेर और नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर नींबू के रस में मिलाकर बालों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं और इससे आपको बाल झडऩे की समस्या से राहत मिलती है। 

र्नल ऑफ नैचुरल रेमिडी के अनुसार बेर के पत्तों के सेवन से सेरम ग्लूकोज और लिपिड का लेवल कम हो जाता है जो इंटरनल ऑर्गन के चर्बी को कम करने में सहायता करता है,

विशेषकर पेट की चर्बी कम करता है. अगर आप अपने पेट को कम करना चाहते हैं तो बेर के पत्ते फायदेमंद हो सकते हैं. यह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है जो बाहर खाना ज्यादा पसंद करते हैं और फैट वाला फूड ज्यादा खाते हैं

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इसका इस्तेमाल कैसे करें

एक मुट्ठी बेर के पत्ते लें और उनको पानी में रात भर भिगोकर रखें, खाली पेट इस पानी का सेवन करें. आप एक महीने तक इस पानी का दिन में एक बार सेवन करें फिर आपके शरीर में काफी फर्क देखने को मिलेगा. 

शरीर के किसी भी भाग में जलन होने पर बेर के पत्तों को पीसकर लगाने से जलन शांत हो जाती है।

पेशाब करने में परेशानी

बेर की कोंपल (मुलायम पत्तियां) और जीरे को पीसकर रोगी को देना चाहिए, इससे पेशाब खुलकर आता है।
बेर के पत्ते और उदुम्बर के पत्तों को बारीक पीसकर दंश पर बांधने से बहुत शीघ्र लाभ होता है

बेर की छाल के फायदे 

बेर के पेड़ की छाल का टुकड़ा मुंह में रखकर उसका रस चूसने से दबी हुई आवाज 2-3 दिन में ही खुल जाती है।
कंठ सर्प पर (गले के चारों और फुंसियों का घेरा) 
जंगली बेर की छाल को घिसकर दो बार पिलाना चाहिए।

दस्त ठीक होता है

बेर की छाल को दूध में पीसकर शहद के साथ पीना चाहिए, इससे रक्तातिसार (खूनी दस्त) का रोग ठीक हो जाता है।
बेर की जड़ और तेल को बराबर मात्रा में लेकर गाय या बकरी के दूध के साथ पिलाना चाहिए, इससे रक्तातिसार (खूनी दस्त) में आराम आता है

छाती के दर्द या टी.बी में फायदा

20 ग्राम बेर या पीपल की छाल को पानी में पीसकर उसमें चौगुने कद्दू के रस को मिलाकर रोगी को पिलाना चाहिए इससे छाती और टी.बी के रोग में लाभ होता है।

बेर की गुठली के फायदे 

बेर के बीज को पानी में घिसकर दिन में 2 बार 1-2 महीने तक लगाने से आंखों से पानी बहना बंद हो जाता है।

बिच्छू के जहर पर

बेर के बीज का गर्भ और ढाक के बीज को बराबर मात्रा में मिलाकर आक के दूध में 6 घण्टे तक खरलकर लेप बना लें, इस लेप को घिसकर बिच्छू के कटे स्थान पर लेप करने से बिच्छू का जहर उतरता है

उल्टी में फायदा

बेर की गुठलियों के अंदर का भाग, बड़ के अंकुर तथा मधुयिष्ट का काढ़ा, शहद और शक्कर को मिलाकर पीना चाहिए, इससे उल्टी तुरंत ही बंद हो जाती है।

बेर की गुठली की फांट को अच्छी तरह से छानकर आंखों में डालने से नेत्राभिष्यन्द, आंखों का दर्द आदि ठीक हो जाते हैं

 

नोट : हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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