Polio Free India: तो ऐसे भारत बना पोलियो मुक्त, यह थी उसके पीछे की कहानी

| Updated: Jun 15, 2022, 06:31 PM IST

कोलकाता के हावड़ा से पोलियो की खबर आने के बाद से पूरे भारत में हड़कंप मच गया है..1995 में भारत में पोलियो टीकाकरण की शुरुआत हुई थी

डीएनए हिंदी: साल 1995 में भारत में पोलियो टीकाकरण की शुरुआत हुई थी, लेकिन लंबी लड़ाई के बाद साल 2012 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो प्रभावित देशों की सूची से हटा दिया था. .लेकिन हाल ही में कोलकाता के हावड़ा में पोलियो के जीवाणु पाए जाने से स्वास्थ्य जगत में एक हलचल सी मच गई है और चारों ओर इस बीमारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं हैं.(Polio Free India)

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इससे निपटने के लिए ग्लोबल पोलियो इरैडिक्शन इनीशिएटिव (GPEI) की शुरुआत की थी, जिसके बाद इसके मामले में 99 फीसदी की कमी आई थी. साल 2014 के मार्च महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था क्योंकि तीन साल से भारत में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया था.ये भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.
 

पोलिया मुक्त बनने का इतिहास
 

1980 में पोलियो अधिक चर्चा में आ गया था, जब 1 लाख से ज्यादा बच्चे पोलियो संक्रमित हुए थे.उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोलियो टीकाकरण (Polio Vaccination) की शुरुआत की थी. इसके तहत बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए टीके और दवाएं दी जाती थी.इस टीकाकरण के कारण आज कई देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं.


जब जीपीईआई की शुरुआत की गई तब एक साल में दुनियाभर में 3.50 लाख लोग पोलियो से ग्रस्त थे.पोलियो को लेकर शुरू किए गए टीकाकरण अभियान की वजह से करीब 1.6 करोड़ लोग विकलांग होने से बच गए.

कब शुरू हुआ अभियान (History Of Polio Free Campaign)

दिल्ली में अक्टूबर 1994 में पहली बार पूरे राज्य में पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई और दूसरा चरण दिसंबर में शुरू किया गया.साल 1994 में डॉक्टर हर्षवर्धन ने दिल्ली में तीन साल तक की उम्र के बच्चों के लिए पोलियो ड्रॉप अभियान बड़े स्तर पर शुरू किया और इसमें काफ़ी सफलता मिली.

साल 1995 के दिसंबर महीने में भारत सरकार ने इस मुहिम को अपनाया और देशभर में लागू किया और तीन साल तक की उम्र के बच्चों को पोलियो टीकाकरण अभियान के दायरे में लाया गया और एक साल में करीब 8.7 करोड़ बच्चे टीकाकरण अभियान के अंतर्गत आए. एक साल बाद उम्र सीमा पांच साल बढ़ा दी गई और इस दौरान करीब 12.5 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया गया.

 

पोलियो का आखिरी मामला (Last Case of Polio in India)

जनवरी 2011 में पश्चिम बंगाल के हावड़ा ज़िले में पोलियो का टाइप-1 मामला सामने आया. भारत में पोलियो का यह आखिरी मामला था.साल 2014 के मार्च महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया क्योंकि तीन साल से भारत में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया था.