व्रत में खाई जानें वाली इन 2 आटे की रोटियों से अच्छी रहती है सेहत, वजन से लेकर ब्लड शुगर तक रहता है कंट्रोल

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 19, 2023, 09:24 AM IST

कुट्टू और सिंघाड़े से बनी रोटियां और कचौरी खाने में जितनी स्वाद हैं, यह सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद है. इनके सेवन करने से डायबिटीज से लेकर वजन तक कंट्रोल में रहता है. इनमें मौजूद प्रोटीन फाइबर काफी देर तक भूख नहीं लगने देता.

डीएनए हिंदी: शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं. इस दौरान कुछ लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं. इसबीच वह खाने में कुट्टू और सिंघाड़े के आटे की रोटी, पकोड़ी और कचौरी खाना पसंद करते हैं. इसे व्रत में आराम से खाया जा सकता है. कुट्टू और सिंघाड़े से बनी रोटियां और कचौरी खाने में जितनी स्वाद हैं, यह सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद है. इनके सेवन करने से डायबिटीज से लेकर वजन तक कंट्रोल में रहता है. इनमें मौजूद प्रोटीन फाइबर काफी देर तक भूख नहीं लगने देता. सिंघाड़े के आटे में मिनरल्स पाएं जाते हैं, जो आपके वजन को आसानी से कंट्रोल करता है. आइए जानते हैं कुट्टू और सिंघाड़े के आटे से बनी पकवान खाने के फायदे...

कुट्टू का आटा

दिखने में बेहद काला कुट्टू का आटा के सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसे व्रतों के अलावा भी खाना लाभदायक होता है. इसकी वजह कुट्टू में फाइबर का भरपूर मात्रा में पाया जाना है. यह काफी देर तक पेट को भरा रखता है. साथ ही भूख नहीं लगने देता. इसमें प्रोटीन से लेकर कैलोरी पाई जाती है, जो बॉडी को काफी समय तक एक्टिव रखती हैं. कुट्टू के आटे का ग्लाइसेमिका इंडेक्स काफी कम होता है. ऐसे में यह आटा डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद लाभदायक होता है. इसकी रोटियां खाने से डायबिटीज मरीजों में भी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. यह खून में शुगर की मात्रा को सीमित रखता है. 

सिंघाड़े का आटा

व्रत में खाया जाने वाला सिंघाड़े का आटा पेट को हल्का बनाए रखता है. इसे आसानी से पचाया जा सकता है. इसमें कैलोरी कम होने के साथ मिनिरल्स पाएं जाते हैं जो वजन को नहीं बढ़ने देता. हालांकि ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है. ऐसे में डायबिटीज मरीजों को व्रत के दौरान सिंघाड़े से बनी चीजों को खाने से बचना चाहिए. यह डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है. 

वजन कम करने में भी लाभदायक है

अगर मोटाप कम करने से लेकर वजन को कंट्रोल करने की बात करें तो कुट्टू के मुकाबले सिंघाड़े के आटा ज्यादा फायदेमंद होता है. हालांकि इन दोनों ही आटों में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल्स पाए जाते हैं. मजबूत पाचन और डायबिटीज के लोग कुट्टू के आटे से बनी रोटी खा सकते हैं. वहीं पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सिंघाड़े के आटे से बनी चीजों को ही खाना फायदेंमंद होता है. यह वजन नहीं बढ़ने देती. साथ ही वजन को कंट्रोल करने का काम करती है. अगर आप हाई प्रोटीन डाइट लेना चाहते हैं तो कुट्टू की रोटियां खा सकते हैं. वहीं लो कैलोरी के फूड में सिंघाड़े का आटा डाइट में शामिल करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.

 (Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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