Mental Health Helpline ने किया खुलासा, नींद ना आने की समस्या से जूझ रहे हैं ज्यादातर भारतीय, जानें कारण

Written By Abhay Sharma | Updated: Oct 13, 2024, 09:12 AM IST

Tele MANAS Helpline Report

Tele MANAS Helpline की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय लोगों में, खासतौर से युवाओं में नींद न आने की समस्या बढ़ी है. आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण क्या है...

भारतीय लोगों में मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. आजकल की लगातार बिगड़ती जीवनशैली और हद से ज्यादा काम का बोझ लोगों की मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर बुरा असर डाल रहा है. इस बीच टेली-मानस मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन (Mental Health Helpline) की रिपोर्ट ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है. बता दें कि साल 2022 में अक्टूबर महीने में टेली-मानस (Tele MANAS Helpline) मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी. इस हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों (Mental Health Complaints) में नींद संबंधी समस्याएं सबसे (Lack Of Sleep) ऊपर हैं. यानी ज्यादातर भारतीय लोग रात में नींद ना (Sleep Disturbances) आने की समस्या से जूझ रहे हैं. 

क्या कहती है रिपोर्ट? (Tele MANAS Helpline Report)
रिपोर्ट के मुताबिक, टेली-मानस मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन ने देश भर के नागरिकों से 3.5 लाख से अधिक कॉल प्राप्त किए हैं. इन शिकायतों के प्रकार का अवलोकन (Mental Health Issues) दर्शाता है कि अधिकांश लोग नींद संबंधी विकार से जूझ रहे हैं, वहीं 14% लोग मनोदशा के उदास होने से, 11% तनाव से और 9% लोगों को चिंता से संबंधित समस्याए हैं. 

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इसके अलावा कुल शिकायतों में से कम से कम 3% लोग आत्महत्या से संबंधित मामलों से जूझ रहे हैं. बता दें कि इस हेल्पलाइन पर अधिकांश कॉल पुरुषों के पहुंचे जो कि 56 प्रतिशत है, इसमें 18 से 45 साल की उम्र के 72% लोगों ने कॉल किया...

युवाओं में क्यों बढ़ रही है नींद से जुड़ी समस्याएं? (Lack Of Sleep Causes)
लगातार बदलती जीवनशैली, अवसाद, चिंता और तनाव के चलते लोगों में नींद ना आने की परेशानी बढ़ी है, खासतौर से युवाओं में ये समस्या तेजी से बढ़ रही है. इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. इनमें असंतुलित लाइफस्टाइल, देर रात तक मोबाइल या टीवी देखना और काम के अनियमित घंटे शामिल हैं. यही वजह है कि अधिकतर लोगों को पूरी नींद ना आने या नींद की कमी की शिकायत रहती है.

बता दें कि 16 साल से 17 साल तक के बच्चों को दिन में कम के कम 13 घंटे, 20 से 55 साल के लोगों को रोजाना कम से कम 7 घंटे और 50 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को कम से कम 6 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.

नींद की कमी से बढ़ता है गंभीर बीमारियों का खतरा (Health Risks Due To Lack Of Sleep)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक नींद की कमी से मानसिक रोग ही नहीं बल्कि कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक, ह्रदय संबंधी बीमारी और यहां तक कि डायबिटीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है. इतना ही नहीं स्लीप साइकिल बिगड़ने से शरीर के मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है और इससे व्यक्ति का वजन गंभीर रूप से बढ़ने लगता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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