डीएनए हिंदीः एथेरोस्क्लेरोसिस, जिसे धमनियों का सख्त होना भी कहा जाता है तब होता है जब ब्लड में फैट का लेवल यानी गंदा कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है और धमनियों की दीवारों पर जम जाता है. मोम की तरह चिपचिपा सी ये वसा नसों को टाइट कर फूला देती है और इससे नसें सिकुड़ जाती हैं और ब्लड के बहने की जगह कम हो जाती है.
जब गंदा कोलेस्ट्रॉल ज्यादा हो जाता है ब्लड में तो ये धमनियों को संकीर्ण या पूरी तरह से ब्लॉक कर देता है और नतीजा हार्ट अटैक- स्ट्रोक या लकवे के रूप में सामने आता है. जब खून में कोलेस्ट्रॉल का लेवल 200 मिलीग्राम / डीएल से अधिक होता है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) कहा जाता है जोकि सेहत के लिए खतरे की घंटी है.
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इसलिए जरूरी है कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल, डाइट और एक्सरसाइज को लाइफ का हिस्सा बना लिया जाए क्योंकि दवाएं भी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम नहीं कर पाती हैं अगर आप कुछ गंदी आदतो से तौबा नहीं करते तो. चलिए जानें ये 6 गंदी आदतें क्या हैं जिन्हें बदल कर आप बिना दवा ही एलडीएल यानी गंदे कोलेस्ट्रॉल को कम कर लेंगे.
आलस त्यागें और 45 मिनट हार्ड कोर एक्सरसाइज करें- रोज कम से कम 30 मिनट से लेकर 45 मिनट की कॉर्डियो एक्सरसाइज करें. साइकिलिंग, वॉकिंग, रनिंग या स्वीमिंग कुछ भी करें. इससे आपकी नसों से वसा पिघलनी शुरू होगी. वजन कम होने से भी कोलेस्ट्रॉल कम होगा.
ट्रांस फैट से बना लें दूरी- मेयोक्लीनिक के अनुसार कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए ट्रांस फैट को डाइट से कट कर दें. इसकी जगह अनसैचुरेटेड फैट या लिक्विड फैट लें. ट्रांस फैट्स प्रोसेस्ड फैट्स होते हैं जो चिप्स से लेकर फास्ट फूड में होते हैं.
शराब और स्मोकिंग से रहे दूर- शराब और स्मोकिंग की आदत आपके कोलेस्ट्रॉल को खतरनाक लेवल पर बढ़ा देगी. रोज शराब पीना आपके लिए हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन स्वस्थ पुरुष को दिन में दो और स्वस्थ महिला को दिन में एक पैग से अधिक ड्रिंक नहीं लेने की सलाह देता है. लेकिन अगर आप कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, यूरिक एसिड जैसी दूसरी बीमारियों से ग्रस्त है तो आपके लिए कभी-कभार दो या 1 ड्रिंक लेने की सलाह दी जाती है.
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दवा को लेना या छोड़ देना- कोलेस्ट्रॉल की दवा कभी लें या कभी छोड़ देना भी खतरनाक होता है. कुछ लोग स्टैटिन याना कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा की सही खुराक नहीं लेते हैं. इससे भी दिक्कत हो सकती है, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के दवा कम या ज्यादा न करें.
तनाव में को लाइफ से कट करें- कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जरूर है तनाव से दूर रहें, क्योंकि तनाव से भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है. कई बार लोग तनाव में कुछ भी खाने लगते हैं जिससे कार्ब्स ज्यादा होने से फैट में कन्वर्ट होने लगता है. योग और मेडिटेशन से तनाव को कम करें.
सिर्फ हेल्दी डाइट से नहीं बनेगी बात-आप यह मान रहे होंगे कि जीरो-फैट और आर्गेनिक सब्जियां कोलेस्ट्रॉल से लड़ने के लिए काफी हैं. बेशक कोलेस्ट्रॉल के लिए हेल्दी डाइट जरूरी है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए फिजिकल एक्टिव और समय पर दवाएं लेना भी जरूरी है. इनके अलावा सिर्फ दवाओं पर निर्भर न रहें और और तनाव से बचें.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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