डीएनए हिंदीः सभी प्रकार के कोलेस्ट्रॉल ख़राब नहीं होते हैं. उच्च घनत्व लिपोप्रोटीन यानी एचडीएल (HDL) कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए जरूरी है और ये स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है. लेकि इसके विपरीत कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन एलडीएल (LDL) यानी 'खराब' कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं लेकिन जब ये ब्लड में बहुत अधिक हो जाता है और नसों में वसा के रूप में जमने लगता है तो ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आने लगती है. खून को बहने के लिए जगह मिलनी कम होने लगती है. इससे पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) होता है. ये तब होता है जब संकुचित धमनियां हाथ या पैर में रक्त के प्रवाह को कम कर देती हैं. इससे शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं. खासकर रात में कुछ दिक्कते बढ़ जाती हैं.
उच्च कोलेस्ट्रॉल और पीएडी के बीच संबंध को समझें
पीएडी और कोलेस्ट्रॉल के बीच का संबंध मुख्य रूप से एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया के माध्यम से होता है," एथेरोस्क्लेरोसिस में धमनियों की दीवारों के भीतर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है और प्लाक बनने लगता है जो धमनियों को संकीर्ण और सख्त कर देता है, जिससे पैरों जैसे हिस्सों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है.
जैसे-जैसे प्लाक बढ़ते हैं, वे रक्त प्रवाह को बाधित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पैर में दर्द और ऐंठन जैसे लक्षण होते हैं.
हाई कोलेस्ट्रॉल के वो संकेत जो रात में ही आते हैं नजर
अगर आपको कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत हाई है तो रात के समय कुछ तकलीफें बढ़ जाती हैं. खास बात ये है कि ये दिक्कत केवल बिस्तर पर जाने के बाद ही होती हैं.
इनमें सोते समय पैरों में फटन का होना
सोते समय तलवे का बर्फ की तरह ठंडा हो जाना
सोते-सोते अचानक से सांस का फूलना या सीने में दर्द का होना
सोते हुए पैरों में झुनझुनी और सुन्नाहट का महसूस होना
ये दिक्कते अगर आपको रात में सोते समय होने लगें तो आपको अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करा लेनी चाहिए.
पीएडी के अन्य सामान्य लक्षण
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कैसे प्रबंधित करें
हाई कोलेस्ट्रॉल स्तर कभी भी अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि इससे हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इसकी निगरानी करते रहना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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