डीएनए हिंदी: धमनियों में जमी वसा जब 60 प्रतिशत तक नसों को ब्लॉक कर देती है तो सूजन की समस्या सामने आती है. ये सूजन इस बात का संकेत है कि हार्ट पर प्रेशर पड रहा है. हाई कोलेस्ट्रॉल के यहां ऐसे तीन लक्षण बताने जा रहे हैं, जिसे देखकर आपको सतर्क हो जाना चाहिए.
बल्ड वेसेल्स यानि नसों में जब वसा का स्तर अधिक होने लगता है तो ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है और इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है. तो चलिए जानें वो सूजन के तौर पर वो खतरे के संकेत कहां नजर आते हैं, लेकिन इससे पहले ये भी जान लें कि सूजन की वजह क्या होती है.
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क्यों आती है कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर सूजन
कोलेस्ट्रॉल यानि वो फैटी तत्व जिसकी शरीर को हार्मोन और कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यकता होती है, लेकिन सभी कोलेस्ट्रॉल लिपिड हेल्दी नहीं होते हैं. गुड कोलेस्ट्रॉल की जगह जब लिवर से बैड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा निकलने लगता है तो ये धमनियों में जाकर जमा होने लगता है. इससे नसों में ब्लड बहने के लिए कम जगह बचती है और बॉडी के सभी अंगों तक जरूरत भर ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और इसी कारण सूजन आती है. धमनी के कारण ब्लड में रुकावट से एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा होता है.
पैर में आते हैं सूजन के सबसे पहले लक्षण
कोलेस्ट्रॉल के हाई होते ही पैरों में सूजन सबसे पहले आती है. पूरे पैर, टखनों- एंकल या तलवों में सूजन अगर आपके अचानक से नजर आने लगी है तो ये हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरनाक संकेत हो सकता है. ऐसा तब होता है जब पैरों से वापस ब्लड हार्ट तक आसानी से नहीं पहुंच पाता क्योंकि धमनियां सकरी हो जाती है. ब्लड सर्कुलेशन सही न होने से पैरों में लिक्वीड जमा होने लगता है.
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कैसे पहचाने कोलेस्ट्रॉल जनित सूजन
1. सूजन को दबाने से अगर गड्ढे बनें तो यह संकेत है हाई कोलेस्ट्रॉल का.
2. कभी-कभी लोग सूजी हुई जगह पर जकड़न महसूस होना.
3. पैरों या टखनों को हिलाने में भी दिक्कत या चटक का आना.
तो पैरों में सूजन को सामान्य न समझें और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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