मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले कुछ दिनों में खसरे यानी मीजल्स (Measles) के कई मामले सामने आने आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीमारी से MP में दो बच्चों की मौत हो गई है जिसके बाद से लोगों में इस बीमारी को लेकर चिंता बढ़ गई है (Measles outbreak in MP) . बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने मीजल्स को लेकर एक डराने वाली चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि साल के अंत तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी इस बीमारी की चपेट में (Measles outbreak) आ सकती है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए सही कदम उठाना बहुत ही जरूरी है. आइए जानते हैं क्या है खसरे (Khasra Disease) की बीमारी, कैसे फैलती है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं...
क्या है खसरा? (What is Measles)
WHO के मुताबिक, खसरा बहुत ही संक्रामक और वायरस के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है. यह पैरामाइक्सोवायरस परिवार के एक वायरस के कारण होता है और आम तौर पर सीधे संपर्क और हवा के माध्यम से फैलता है. यह वायरस श्वसन पथ को संक्रमित करता है और फिर पूरे शरीर में फैल जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब खसरे से पीड़ित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो मरीज के थूक के कणों में वायरस आ जाते हैं और हवा में फैल जाते हैं. ऐसे में ये किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं.
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इन लोगों में खसरा होने का जोखिम अधिक (Measles Effect On Children)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खसरा किसी भी ऐसे व्यक्ति को हो सकता है, जिसने इसकी वैक्सीन न ले रखी हो. लेकिन, बिना टीकाकरण वाले बच्चों को खसरे का सबसे अधिक खतरा होता है. वहीं गर्भवती महिलाओं को भी खसरे से संक्रमित होने की ज्यादा संभावना होती है. ऐसे में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस बीमारी को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण (Measles Symptoms)
आमतौर पर बच्चों में इसके शुरुआती लक्षणों में जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, आंखों में जलन, आंखें लाल होना आदि शामिल है. इसके बाद करीब पांच से सात दिनों में शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं. इसके अलावा कई बार मुंह में सफेद दाग भी नजर आने लगते हैं.
क्या है इसका इलाज (Measles Treatment)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चों को खसरे के साथ साथ रूबेला की वैक्सीन (Measles Vaccine) यानी एमआर वैक्सीन दो खुराक में दी जाती है. इसके लिए पहली खुराक जब बच्चा नौ से 12 महीने की उम्र का होता है और दूसरी खुराक तब दी जाती है जब बच्चा 16 से 24 महीने का हो जाता है. बचपन में टीके की दोनों खुराक लेने के बाद व्यक्ति जीवन भर के लिए खसरे से सुरक्षित हो जाता है.
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बचाव के उपाय (Measles Prevention)
अगर आप इस वायरस की चपेट में आ गए हैं तो लक्षण दिखते ही डाॅक्टर से मिलकर इसकी जांच कराएं. इसके अलावा भरपूर आराम करने के साथ पर्याप्त तरल पदार्थ पीना और विटामिन-ए की खुराक लेना आवश्यक है, क्योंकि इससे खसरे की जटिलताओं को कम किया जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक सही इलाज मिलने पर एक व्यक्ति 10 से 15 दिनों के भीतर संक्रमण से ठीक हो जाता है.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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