डीएनए हिंदी: Milk Powder Side Effects- नेचुरल दूध और मिल्क पाउडर में काफी अंतर होता है, अगर आपको लगता है कि पाउडर मिल्क दूध की कमी को पूरा कर सकता है या फिर आपको इससे उतना ही फायदा मिलेगा तो आप गलत हैं. मिल्क पाउडर में लैक्टॉज नहीं होता और इससे कैल्शियम की कमी पूरी नहीं होती है. उल्टा इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां और घर कर जात है, जैसे डायबिटीज, मोटापा, पाचन संबंधित समस्या.
कई बार हमारे घर में दूध न होने की वजह से हम मिल्क पाउडर से चाय या कुछ मीठा बना लेते हैं, लेकिन इसके दोगुने नुकसान होते हैं. मिल्क पाउडर को लंबे समय तक प्रिजर्व करने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से इसका अधिक सेवन नुकसानदेह बन जाता है. मिल्क पाउडर बनने के लिए कार्बन,प्रोटीन,पोटैशियम और नाइट्रोजन जैसे केमिकल का इस्तेमाल होता है. लंबे समय तक मिल्क पाउडर का सेवन करने से शरीर में ऐसे फैट जमा हो जाते हैं, जिनसे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है.
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मोटापा बढ़ता है
इसमें आर्टिफिशियल चीनी होती है, जो शरीर में नुकसान करती है. इससे वजन बढ़ता है. इसलिए इसके सेवन से परहेज करें.
डायबिटीज की समस्या
मिल्क पाउडर के ज्यादा इस्तेमाल से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि, मिल्क पाउडर में शुगर की ज्यादा मात्रा होती है.
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हाई कोलेस्ट्रॉल
मिल्क पाउडर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी ज्यादा होती है. ताजा दूध कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है. पाउडर मिल्क के मुकाबले फ्रेश दूध का सेवन ज्यादा सुरक्षित है.
पाचन की समस्या
मिल्क पाउडर को दूध के मुकाबले पचने में ज्यादा समय लगता है वहीं मिल्क पाउडर और पानी का अनुपात सही न होने पर पाउडर ठीक से घुलता नहीं है और इससे डाइजेशन से जुड़ी प्रॉब्लम हो सकती है.
नेचुरल दूध और मिल्क पाउडर में अंतर
जो लोग लगातार मिल्क पाउडर का यूज करते हैं उनके शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है. हड्डियां कमजोर होती है. लंबे समय तक स्टोर करने के लिए इसमें केमिकल देते हैं और ये केमिकल बहुत नुकसान करते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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