डीएनए हिंदी: जब लिवर से बैड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा बनने लगता है तब ब्लड में ये घुल कर नसों में जमने लगता है. इससे नसें सूज जाती हैं, ब्लड का फ्लो बिगड़ जाता है. इससे हार्ट पर प्रेशर पड़ने लगता है. नसों की ब्लॉकेज खोलने के लिए सुबह कुछ बीज भीगा कर खा लें तो आपकी नसों में जमी वसा पिघल कर बाहर निकल जाएगी.
ऑयली चीजें और बहुत ज्यादा मीट या प्रॉसेस्ड फूड खाने से नसों में गंदा कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है. नसोंं में इस प्लाक के जमने से नसें कठोर और सकरी हो जाती हैं. ऐसे में तय है कि ब्लड को सुर्कलेशन गड़बड़ होने लगता है.
अगर आपके ब्लड वेसेल्स यानी नसों में वसा का जमाव बढ़ रहा है तो आपके लिए यहां ऐसी अचूक औषधि के बारे में बताएंगे जो असानी से नसों से इस फैट को बाहर कर देंगी औ नसों की लोच बढ़ाकर ब्लड सर्कुलेशन को सुधार देंगे. आपके किचन में मौजूद कुछ बीज, मसाले और ड्राई फ्रूट्स आपके बढ़े कोलेस्ट्रॉल को तेजी से कम कर सकते हैं. बस इन्हें भीगोकर कच्चा खाना होगा और इनके पानी को पीना होगा.
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इन पांच चीजों को एक साथ भीगोएं
एक चम्मच मेथी, एक-एक चम्मच सूरजमूखी और अलसी का बीज, दो बादाम, चार किशमिश, और दस चम्मच ओट्स. इन सारी ही सामग्री को रात भर आप पानी में भिगा दें और अगले दिन इसके पानी को पीकर इसे चबा कर खा लें. देखते ही देखते आपके नसों में जमी वसा तेजी से पिघलने लगेगी. याद रखें इसे बासी मुंह खाएं. ये एक तरह से नाश्ते का काम भी करेगी. इससे ब्लड शुगर भी कम होगा.
जान लें इस पोषक तत्वों के फायदे
किशमिश
ट्राईग्लिसराइड्स के लेवल को कंट्रोल करती हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन B 6, विटामिन K, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे मिनिरल्स होते हैं. इसमें नेचुरल शुगर और फायबर पाया जाता है जो पेट के लिए खास फायदेमंद हैं. साथ ही इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स, फाइटो केमिकल्स, फ्लेवेनॉयड्स भी पाए जाते हैं जो शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करते हैं.
ओट्स
ओट्स में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और इसमें बीटा ग्लूकॉन भी होता है जो आंतों की सफाई करता है और कब्ज से राहत दिलाता है. नियमित तौर पर ओट्स खाने से शरीर में कलेस्ट्रॉल को लगभग 6 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है.
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मेथी
मेथी के बीज हाबैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को कम करता हैं. इसमें मौजूद।कॉपर, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, डाएट फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन बी 6 हाई ब्लड प्रेशर से लेकर हाई शुगर तक को कंट्रोल करते हैं. असल में लिवर में मौजूद एलडीएल रिसेप्टर्स की संख्या को बढ़ाने में मेथी काम करता है. ये प्रोटीन हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को सेल्स में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं. एलडीएल रिसेप्टर्स में वृद्धि से सेल्स को एलडीएल को ब्लड फ्लो से निकालने में मदद मिल सकती है.
अलसी और सूरजमूखी के बीज
दोनों के ही बीजों में सॉल्युबल फाइबर्सशरीर में कोलेस्ट्रॉल की अतिरिक्त मात्रा को कम करने में सहायक है. पानी में भीगो कर खाने से इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड के गुण बढ़ जाते हैं. इन बीजोंं में मौजद ओमेगा-3 फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
बादाम
बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार होते हैं.