Mosquito Bites: इस खास ब्‍लड ग्रुप वालों का खून मच्‍छरों को हैं पसंद, जानिए किसे सबसे कम छेड़ते हैं

Written By ऋतु सिंह | Updated: Aug 20, 2022, 11:13 AM IST

इस खास ब्‍लड ग्रुप वालों का खून मच्‍छरों को हैं पसंद

Mosquitoes Favorite Blood: कई बार आपके सामने बैठे लोग मच्‍छर से ज्‍यादा परेशान नजर आते हैं. कभी सोचा है ऐसा क्‍यों होता है? असल में ऐसा इसलिए होता है कि मच्‍छरों को एक खास ब्‍लड ग्रुप का खून ज्‍यादा पसंद होता है. तो चलिए जानें कि किस ब्‍लड ग्रुप को डेंगू-मलेरिया का खतरा ज्‍यादा है और किसे कम.

डीएनए हिंदी:  मच्छर के डंक से कोई नहीं बच पाता है लेकिन कुछ लोगों को मच्‍छर कुछ ज्‍यादा ही काटते हैं. असल में जिन लोगों को मच्‍छर ज्‍यादा काटते हैं उनकी गंध मच्‍छरों को पसंद होती है. 

सबसे पहले तो आप यह जान लें कि जो मच्‍छर काटते हैं वो मादा होती हैं. नर मच्‍छर नहीं काटते. बहुत ज्‍यादा गर्मी या बहुत ठंड में मच्‍छरों का आतंक कम होता है लेकिन  मानसून में ये बेहद सक्रिय होते हैं. यही कारण है कि मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी ज्‍यादा होता है.

महक से होते हैं आकर्षित
कुछ लोगों की त्वचा ऐसी होती है, जिससे मच्छर उनकी ओर आकर्षित होने लगते हैं. असल में ये शरीर में मौजूद खास बैक्टेरिया से निकलने वाला यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड और अमोनिया के कारण होता है. इसकी महक मच्छरों को पसंद होती है और यही कारण है कि इन्‍हें मच्‍छर ज्‍यादा काटते हैं. 

O ब्‍लड ग्रुप को सबसे ज्यादा और A ग्रुप को सबसे कम काटते हैं मच्छर 
जैपनीज रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों का ब्लड ओ (O) होता है, मच्छर उन्हें ही ज्यादा काटते हैं. इनका ब्‍लड मच्छर को अपनी ओर खींचता है. जबकि ए (A) ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर कम काटते हैं. जिन लोगों का ब्लड ग्रुप बी (B) होता है, उन्हें मच्छर सामान्य तौर पर काटते हैं. 

मच्छरों को कॉर्बन डाई आक्साइड भी है पसंद
मादा मच्छर की काटने की वजह उसके प्रजनन से जुड़ी है और फिर अंडे देती है. इसके अलावा, मच्छरों को कॉर्बन डाई आक्साइड यानी Co2 की गंध भी पसंद आती है. इस गंध को करीब डेढ़ सौ फीट की दूरी से भी मादा मच्छर सूंघ लेती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर