करी की पत्तियों (Curry Leaves) की गिनती उन आयुर्वेदिक औषधियों में होती है, जिनका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है. इन पत्तियों को मीठा नीम (Sweet Neem Leaves) भी कहा जाता है. कई हर्बल दवाओं में इन पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर सही तरीके से इन पत्तियों का इस्तेमाल (Curry Leaves Benefits) किया जाए तो इससे मॉर्निंग सिकनेस से लेकर खराब पाचन तक की समस्या दूर होती है, तो आइए जानते हैं किन-किन बीमारियों में यह फायदेमंद होता है...
बालों को काला कर हेयर फॉल से बचाए
करी की पत्तियों का मास्क बनाकर लगाया जाए तो इससे डैंड्रफ और हेयर फॉल कंट्रोल रहता है. इसके लिए 20-30 करी पत्ता लें और पानी से वॉश करके सुखा लें और एक पैन में नारियल तेल के तीन चम्मच डालें और उसमें सूखे हुए करी पत्ता को डालकर तब तक पकाएं जब तक की वो काले नहीं हो जाते. इस तेल को ठंडा कर बोतल में स्टोर कर लें और हफ्ते में दो से तीन बार लगाएं, आपके बालों पर फर्क साफ दिखेगा.
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वजन रखे कंट्रोल
वहीं अगर इसका सेवन रोजाना किया जाए तो आसानी से वजन को कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसे में फैट बर्न करने के लिए एक गिलास पानी में 10-15 करी पत्ता डालें और उन्हें कुछ देर पकाएं और उसे छान लें और स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें आधा नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें. बता दें कि ये फैट बर्निंग टी तेजी से वजन को कम करने में आपकी मदद करेगा.
कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद
करी पत्ते का सेवन करने से LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है. बता दें कि ये शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को नेचुरल तरीके से बढ़ाता है और नेचुरल तरीके से दिल की सेहत में सुधार कर कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.
मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है दूर
करी पत्ते का सेवन अगर सुबह खाली पेट कर लिया जाए तो इससे सुबह-सुबह होने वाली कड़वाहट, जी मिचलाना और चिड़चिड़ापन दूर किया जा सकता है. बता दें कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या ज्यादा होती है ऐसे में करी पत्ता खाली पेट खाएं जी मिचलाना कम हो सकता है.
पाचन करे ठीक
इसके अलावा रोजाना करी पत्ते के सेवन से पाचन में सुधार होता है. दरअसल, इसमें ऐसे कई गुण मौजूद है जो पाचन में सहायता करते हैं. इनके सेवन से आंतों की सूजन कंट्रोल होती है और पाचन दुरुस्त रहता है. यह भूख नहीं लगने की समस्या का समाधान करते हैं और पाचन को दुरुस्त करते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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