National Ayurveda Day: ये 7 आयुर्वेदिक बूटियां हर घर में होनी चाहिए, एक नहीं सौ बीमारियों की हैं ये दवा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 23, 2022, 06:10 AM IST

ये 7 आयुर्वेदिक बूटियां हर घर में होनी चाहिए, एक नहीं सौ बीमारियों की हैं ये दवा

What is the purpose of Ayurveda: आयुर्वेद में 7 दवाओं को अमृत समान मना गया है. ये 7 जड़ी-बूटियां अगर घर में हों तो गंभीर से गंभीर रोग काबू में रहते हैं

डीएनए हिंदीः आज राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस है और इस अवसर पर आपको हम उन जड़ी बूटियों के बारे में बताएंगे जो हर घर मंे होनी ही चाहिए. ये वो बूटियां हैं जो एक या दो नहीं बल्कि सौ से ज्यादा बीमारियों का इलाज करती हैं. 

हल्के से लेकर गंभीर रोगों में इन जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है और ये बेहद इफेक्टिव भी मानी जाती हैं. खास बात ये है कि इन बूटियों कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. ये 7 बूटियां आपके घर में हुईं तो आप सामान्य सर्दी-जुकाम या बुखार से ही नहीं, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, बीपी के साथ ही जानलेवा बीमारियों जैसे कैंसर आदि से भी बच कर रह सकते हैं. 

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केवल बीमारी को ठीक करने का नेचुरल तरीका नहीं बल्कि शरीरए मनए आत्मा और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करने की पध्दति है. इसलिए आयुर्वेद में तैयार की जाने वाली दवाईंयों के आमतौर पर साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं.

बता दें कि हर साल 23 अक्टूबर को धन्वंतरि जयंती पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस ( National Ayurveda day) मनाया जाता है. भगवान धन्वंतरि  को आयुर्वेद का जनक माना जाता है. आयुर्वेद दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के लोगों को आयुर्वेद सबसे पुरानी चिकित्सा पध्दति के बारे में जागरूक करना है. आयुर्वेद में इस्तेमाल की जाने वाले कई हर्ब्स या जड़ी-बूटियां ऐसी हैं, जो कम से कम 100 तरह की बीमारियों का इलाज करती हैं. तो चलिए जानें ये 7 बूटियां कौन सी हैं.

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​अश्वगंधा
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का राजा अश्वगंधा है. ये करीब 3,000 साल से अधिक समय से कई सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों में प्रयोग होती है. शारीरिक से लेकर मानसिक बीमारियों में इसका प्रयोग होता है. सर्दी-जुकाम और कई तरह के इंफेक्शन को दूर करने के साथ्ज्ञ ही ये वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करती है. यही नहीं मेटाबॉलिज्म, हार्मोन से जुडें रोगों के साथ ही ये तनाव, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का भी रामबाण इलाज मानी गई है. 

​तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी को प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधि समस्याओं वाली बीमारियों की जान माना गया है. तुलसी का इस्तेमाल डायबिटीज से लेकर सर्दी-जुकाम, साइनोसाइटिस, राइनाइटिस, स्किन डिजीज, डिप्रेशन, किडनी स्टोन और लंग्स कैंसर से बचाव में फायदेमंद माना गया है. ये इम्युनिटी को बढ़ाने वाली मानी गई है. 

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सहजन
सहजन यानी मोरेंगा आयुर्वेद में करीब 300 से ज्यादा बीमारियों का इलाज करने वाला माना गया है. इसकी पत्ती से लेकर फली और टहनी तक सबमें औषधिय गुण समाहित है. हाई बीपी से लेकर ब्लड रिलेटेड डिजीज, मेटाबॉलिक डिजीज, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल आदि सब में इसे खाना स्वास्थ्यकर्य होता है. 

एलोवेरा
एलोवेरा को आयुर्वेद की भाषा में घृतकुमारी कहा जाता हैण् यह त्वचा और बालों को सेहतमंद रखने के अलावा लीवर से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है. इसके साथ ही एलोवेरा का सेवन मुंह से दुर्गंध, गालब्लेडर स्टोन, कब्ज, हाई ब्लड, शुगर, मोटापा, स्किन डिजीज जैसी कई तरह की बीमारियों में लाभकारी साबित हो सकता है.

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अदरक
आयुर्वेद एक्सपर्ट बताते हैं कि छोटे से अदरक के टुकड़े को भोजन से पहले नमक के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे हार्मोनल डिजीज, मोटापा,  हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, कब्ज, गैस, एसिडिटी ही नहीं, बवासीर, फिशर,  ऑस्टियोआर्थराइटिस, पीरियड्स क्रैंप, जैसी बिमारियों में अदरक का सेवन कारगर साबित होता हैण्

​हरीतकी
हरीतकी कई सारी बीमारियों से बचाव और उपचार में काम आता है. इसमें मुख्य रूप से पाचन में सुधार, वेट लॉस, एंटी एजिंग, कब्ज से राहत, डायबिटीज, ट्यूबरक्लोसिस के अलावा क्रोनिक कफ, बवासीर जैसी सैकड़ों बीमारियों में इसका सेवन फायदेमंद होता है. हरीतकी चूर्ण का सेवन गर्म पानी शहद या छांछ के साथ मिलाकर किया जाता है.

​आंवला
आंवला एक खट्टा फल है जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारी के उपचार और बचाव के लिए किया जाता है. आंवला को मुख्य रूप से बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याओं में इस्तेमाल के लिए जाता है. इसके अलावा इसका सेवन मुंह के अल्सर, कब्ज, मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी कई बीमारियों में फायदेमंद होता है. इसका सेवन चूर्ण या जूस के रूप में कर सकते हैं.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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