National Epilepsy Day 2024: क्यों होती है मिर्गी की बीमारी? जानें इसके लक्षण और इलाज

Written By Abhay Sharma | Updated: Nov 17, 2024, 11:52 AM IST

National Epilepsy Day 2024

National Epilepsy Day: मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं है. लेकिन कई मामलों में इसकी वजह से शरीर में कई अंदरूनी बीमारियां जन्म लेने लगती हैं. आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और इलाज के बारे में...

Epilepsy यानी की मिर्गी दिमाग से जुड़ी एक गंभीर समस्या है. रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर में करीब 5 करोड़ लोग इस गंभीर बीमारी से प्रभावित हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, हालांकि इसके ज्यादातर मामले बच्चों में देखे जाते हैं.  मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) है, जो बहुत ज्यादा खतरनाक तो नहीं है. लेकिन कई मामलों में इसकी वजह से शरीर में कई अंदरूनी बीमारियां जन्म लेने लगती हैं. 

चिंता की बात यह है कि दुनिया में तकरीबन 50 फीसदी मिर्गी के मामलों के कारणों की पहचान नहीं हो पाती है. ऐसे में इस बीमारी की गंभीरता और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 17 नवंबर को राष्‍ट्रीय मिर्गी द‍िवस (National Epilepsy Day 2024) मानाया जाता है. 

क्यों आते हैं मिर्गी के दौरे?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर में ब्रेन सर्किट में असामान्य तरंगें पैदा होती हैं और इसी दिमागी गड़बड़ी के चलते व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ते हैं. ऐसी स्थिति में दिमाग का संतुलन बिगड़ जाता है और शरीर बुरी तरह लड़खड़ा जाता है. ऐसे में बैलेंस खोने की वजह से व्यक्ति जमीन पर गिर जाता है और व्यक्ति का शरीर पर किसी तरह का काबू नहीं रह जाता है.

हो सकते हैं ये कारण 

  • बढ़ती उम्र
  • नवजात शिशुओं में जन्म दोष
  • डिलीवरी के समय ऑक्सीजन की कमी
  • किसी दिमागी चोट
  • इंफेक्शन
  • ब्रेन ट्यूमर मिर्गी के कारण

मिर्गी के लक्षण क्या हैं?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक मिर्गी का दौरा पड़ने पर शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है और इससे मरीज हाथ और ऐसी स्थिति में मरीज पैरों को मोड़ते हुए जमीन पर गिर जाता है, इसके अलावा दांतों को भींचने या जोर जोर से हाथ हिलाने जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं. इसके अलावा, बिना किसी बात के गुस्सा आना, कुछ भी याद ना रहना, शरीर में सनसनी या झुनझुनी महसूस होना, चेहरे और गर्दन पर झटके आना, बार-बार बेहोश होना भी मिर्गी के लक्षण हो सकते हैं. 

मिर्गी के दौरे सुबह के समय ज्यादा आते हैं और ये बीमारी 5 से 15 साल और 70 से से 80 साल के बीच विकसित होती है. बता दें कि जन्मजात ये बीमारी 5 से 10 प्रतिशत मामलों में ही देखी जाती है.

क्या है इसका इलाज? 
आमतौर पर मिर्गी का सही उपचार योजना से ज़्यादातर लोग दौरे से राहत पा सकते हैं. इसके इलाज के लिए कई तरह के उपचार उपलब्ध हैं, जिनमें दवा, जीवनशैली में बदलाव, आहार परिवर्तन, उपकरण, और सर्जरी शामिल हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब दौरे मस्तिष्क के एक ही क्षेत्र से आते हैं, तो स्थिति में सर्जरी मददगार हो सकती है.  

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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