डीएनए हिंदीः ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने ऐसे ब्लड टेस्ट को डिजाइन किया है जो समूह बी स्ट्रेप्टोकोकस (जीबीएस), सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), तपेदिक, सांस रोग समेत 18 तरह के संक्रामक या सूजन का पता लगा सकता है.
सिर्फ एक ब्लड टेस्ट के जरिए अब चिकित्सक कई तरह के जीन और इंफेक्शन को पैदा करने वाले जीवाणुओं का पता कर इलाज कर सकेंगे. इतना ही नहीं इस टेस्ट के 1 घंटे के अंदर ही रिपोर्ट भी आ जाएगी. जबकि अब तक कुछ संक्रामक बीमारियों का पता लगाने के लिए कई घंटे से लेकर दिन या सप्ताह तक लग जाते थे.
इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने मरीजों के जीन एक्सप्रेशन के आधार पर इस टेस्ट को करते हैं जिससे बचपन में होने वाली कई बीमारियों का समय से पहले ही पता चल सकेगा और समय रहते इलाज हो सकेगा.
प्रोफेसर माइकल लेविन का कहना है कि, "चिकित्सा प्रौद्योगिकी में भारी प्रगति के बावजूद, जब किसी बच्चे को बुखार के साथ अस्पताल में लाया जाता है, तो डॉक्टर्स का प्रारंभिक दृष्टिकोण बच्चे की बीमारी के संभावित कारणों के बारे में पता लगाकर उसका इलजा करना होता है. हमें तब तुरंत निर्णय लेने की जरूरत होती है. ऐसे में ये टेस्ट हमारे काम को और आसान बनाएंगे.
कई बार बीमार बच्चे का तुरंत इलाज उसके माता-पिता की जानकारी और हमारे चिकित्सकिय अनुभव के आधार पर करना पड़ता है लेकिन हम नहीं जानते कि बुखार जीवाणु है या वायरल है. ब्लड टेस्ट रिपोर्ट के आने के बाद ही सही इलाज शुरू होता है और ऐसे में बच्चे का सही इलाज होने में कई घंटे या दिन तक लग जाते थे. लेकिन अब इस नए रैपिड ब्लड टेस्ट से मरीजों को शुरुआती दौर में ही सही इलाज मिलना शुरू हो जाएगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.