डीएनए हिंदीः कई रिसर्च में यह दावा किया गया है कि अगर स्मोकिंग करने वाले एक खास तरह का विटामिन सप्लीमेंट लेते हैं तो उनके फेफड़ों के कैंसर की संभावना दोगुनी हो जाती है. ऐसा निकोटीन के साथ विटामिन के मिलने से होता है.
बहुत से लोग विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेते हैं. कुछ बीमारियों की बात छोड़ दें तो विटामिन या मिनरल्स के सप्लीमेंट लेने की जगह इसे नेचुरल तरीके से खानपान से प्राप्त करना बेहतर होता है. यहां आपको ऐसे शोध के बारे में बता रहे हैं जो स्मोंिकंग करने वालों लंग्स कैंसर की संभावना में विटामिन की भूमिका पर किया गया है.
शोध में पाया गया कि बीटा कैरोटीन सप्लीमेंट यानी विटामिन ए अगर धूम्रपान करने वाले लेते हैं तो उनमें फेफड़ों के कैंसर की घटनाओं में वृद्धि होती है. यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स की रिपोर्ट के अनुसार बीटा.कैरोटीन पीले और नारंगी फल और सब्जियों को अपना रंग देता है और जब यह शरीर में जाता है तो विटामिन ए में बदल जाता है. लेकिन अगर इसे सप्लीमेंट के रूप में लिया जाता है तो इसके खतरे ज्यादा होते हैं.
यह भी पढ़ेंः Weak Lungs : ये संकेत बताते हैं फेफड़ों में नहीं रहा दम, लंग्स हो रहे हैं डैमेज
अपनी 2014 की रिपोर्ट में यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स ने बताया है कि तम्बाकू या धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों द्वारा बीटा कैरोटीन के उपयोग फेफड़ों का कैंसर को बढ़ाता है.
निकोटिन एंड टोबैको रिसर्च जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान करने वालों में बीटा कैरोटीन पूरकता जब निकोटीन से मिलती है तो उसका रिएक्शन लंग्स पर सही नहीं होता है.
दक्षिण पश्चिम फ़िनलैंड में भी एक ऐसा सर्वे हुआ जिमसें पाया गया कि निकोटीन के सााि विटामिन ए लंग्स कैंसर को बढ़ा सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि बीटा कैरोटीन पूरक यानी सप्लीमेंट सभी श्रेणियों में फेफड़ों के कैंसर के विकास का काफी अधिक जोखिम भरा था.
यह भी पढ़ेंः Foods For Lungs: फेफड़े को स्ट्रांग बनाती हैं 6 चीजें, बढ़ेगी लंग्स की स्टेमिना
वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि β.कैरोटीन के साथ धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा दोगुना होता है. यही नहीं, जो स्मोकिंग करने वालों के आसपास होते हैं उनमें भी इस कैंसर की संभावना ज्यादा होती है अगर वे विटामिन एक का सप्लीमेंट लेते हैं. ऐसे लोगों को संपर्क में आने से फेफड़े के कैंसर के दो मुख्य रूप हो सकते हैं, स्मॉल सेल लंग कैंसर और नॉन.स्मॉल सेल लंग कैंसर.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर