डीएनए हिंदी: केरल में एक बार फिर निपाह वायरस के फैलने की खबर आई है. ऐसे में कोझिकोड जिले में तेज बुखार से दो लोगों की मौत के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि निपाह वायरस से दोनों मौतें हुई हैं. बता दें कि केरल में निपाह वायरस का पहला मामला (Nipah Virus in Kerala) 19 मई 2018 को कोझिकोड में सामने आया था और तब इस वायरस के कारण 17 लोगों की मौत हुई थी. यह वायरस जानवरों से इंसान में फैलता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह फैलता है. इसकी वजह से तेज बुखार आता है और इंसान की मौत तक हो सकती है. ऐसे में इससे सावधान रहने की सख्त जरूरत है. आइए आपको बताते हैं क्या है ये वायरस, साथ ही जानेंगे (Nipah Virus in Kerala) इसके लक्षण और इलाज के बारे में...
क्या है निपाह वायरस (What Is Nipah Virus)
WHO के मुताबिक़, निपाह वायरस एक तेजी से उभरता वायरस है और ये जानवरों से इंसान में फैसला है. इतना ही नहीं, यह वायरस दूषित खाने के माध्यम से या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस वायरस का पहला केस 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था और इसी के नाम पर इस वायरस का नाम निपाह रखा गया है.
क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण (Nipah Virus Symptoms)
निपाह वायरस से संक्रमित में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके लक्षण 5 से 14 दिन में दिखाई देते हैं. कई बार ये लक्षण 45 दिन तक नजर नहीं आते हैं. इसके अलावा स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर इंसान इन्सेफेलाइटिस का भी शिकार हो सकता है और 24 से 48 घंटे में कोमा में जा सकता है.
क्या है इसका इलाज (Nipah Virus Treatment)
अबतक ना तो उसके इलाज की कोई दवा है ना उसकी रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन. इसलिए निपाह से बचना है तो इससे सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. ऐसे में अगर कुछ बातों पर ध्यान देकर आप इस वायरस की चपेट में आने से बच सके हैं.
- सूअर और चमगादड़ के संपर्क में आने से बचें.
- जमीन या फिर सीधे पेड़ से गिरे फलों का सेवन न करें.
- मास्क लगाएं और समय-समय पर हाथ धोते रहें.
- निपाह वायरस से जुड़े लक्षण दिखाई दें तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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