Is Oral Sex Increase Risk Of Throat Cancer- गले का कैंसर खासतौर से पश्चिमी देशों में एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, यहां तक कि कई एक्सपर्ट्स ने इसे 'महामारी' का नाम दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स और अमेरिकन कैंसर सोसायटी (ACS) के आंकड़ों की मानें तो साल 2021 में गले के कैंसर के करीब 12,620 नए मामले सामने आए थे. आमतौर पर इसका सबसे बड़ा कारण (Throat Cancer Causes) धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन माना जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसे लोगों में ऑरोफरीन्जियल (Oropharyngeal cancer) और लैरिंजियल कैंसर विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है.
हालांकि कुछ शोध बताते हैं कि सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन ओरल सेक्स (Oral Sex) भी गले के कैंसर का कारण बन सकता है. आइए जानते हैं ऐसी स्थिति कब बनती है और इसके पीछे का कारण क्या है...
Oral Sex दे सकता है गले के कैंसर
बता दें कि ऑरोफरीन्जियल कैंसर खासकर टॉन्सिल और गले के पीछे के हिस्से को प्रभावित करता है, जिसका मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) माना जाता है. बता दें कि इसी वायरस के चलते सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय के कैंसर) का जोखिम बढ़ता है. ह्यूमन पैपिलोमावायरस यानी HPV एक तरह का यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases) है.
HPV का क्या है इस कैंसर से संबंध?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब ओरल सेक्स के दौरान लार, वीर्य, वजाइनल डिस्चार्ज का ट्रांसफर एक पार्टनर से दूसरे पार्टनर की शरीर में होता है, जिसकी वजह से एक पार्टनर से दूसरे पार्टनर के शरीर में कुछ फ्लूइड ट्रांसफर होते हैं. मुंह में जाने वले लिक्विड की वजह से HPV इंफेक्शन का खतरा रहता है और इससे मुंह और गले का कैंसर हो सकता है, दरअसल, इस वायरस के चलते मुंह और गले के भीतर घाव हो सकते हैं और घाव छाले और फिर कैंसर का रूप ले सकते हैं. यानी सीधे तौर पर इसका कैंसर से संबंध नहीं है.
क्या कहती है स्टडी?
शोध में दावा किया गया है कि इसका रिस्क फैक्टर यह है कि व्यक्ति के जीवन काल में कितने यौन साथी रहे हैं, खासतौर से ओरल सेक्स करने वालों में. एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों ने 6 या उससे ज्यादा बार ओरल सेक्स किया है, उनमें कभी ओरल सेक्स न करने वाले लोगों की तुलना में ओरोफैरिंजियल कैंसर होने का खतरा 8.5 गुना ज्यादा होता है.
आमतौर पर अधिकांश लोग HPV संक्रमण को खुद से खत्म कर सकते हैं. पर कुछ मामलों में संभवतः इम्यून सिस्टम में किसी खास समस्या के कारण लोग इस वायरस से लड़ नहीं पाते हैं, जिससे वायरस शरीर में बना रहता है और कुछ समय बाद डीएनए में घुलमिल जाता है और इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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