डीएनए हिंदी: कैंसर एपिडेमियोलॉजी, बायोमार्कर एंड प्रिवेंशन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि बहुत से लोग सब्जियों को अचार की तरह बना कर खाते हैं. ऐसे लोगों में कैंसर की संभावना ज्यादा होती है.
रिसर्च में पाया गया कि बहुत से लोग सब्जियों में कई तरह के एडिबल एसिड मिलाते हैं. स्वाद को चटपटा और खटटा बनाने के लिए ऐसा किया जाता है. वहीं अचार में भी ऐसे एसिड खूब मिलाए जाते हैं. सब्जियों को प्रिजर्व करने के लिए भी इनका यूज किया जाता है.
सब्जियों को ताजा और खाने लायक बनाने के लिए जब एसिड का उपयोग होता है तब ये कैंसर का कारक बनने लगती हैं. वहीं कई बार सब्जी बनाने के दौरान ज्यादा मात्रा में नमक, नींबू आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसी सब्जियों के ज्यादा सेवन से पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
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मसालेदार सब्जियां या भुनी हुई, एडिबल एसिड से प्रिजर्व, साल्टेड या ड्राइड फिश या मीट में नाइट्राइट पाया जाता है. नमक होने से शरीर में एच पाइलोरी (H. Pylori) संक्रमण बढ़ने का खतरा हो जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक नमक और पेट के कैंसर के बीच जुड़ाव फिलहाल एच पाइलोरी इंफेक्शन से ग्रस्त लोगों तक सीमित पाया गया है. इसके चलते पेट के टिशूज को सीधे नुकसान पहुंच सकता है.
इन एसिड से रहे दूर और करें कम से कम इस्तेमाल
एसिटिक एसिड, साइट्रिक एसिड, ऑक्सालिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड को कम से कम मात्रा में इस्तेमाल करें.
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पेट में कैंसर के लक्षण
सीने में जलन या एसिड रीफ्लक्स
निगलने में दिक्कत
अपच के लक्षण, जैसे कि ज्यादा डकार आना
जरा सा खाने पर पेट भरने का आभास होना
ये देखने में सामान्य लक्षण लग सकते हैं, लेकिन अगर इनमें तेजी से कोई बदलाव आता है, या से लक्षण गंभीर होते जाएं तो इसे सामान्य नहीं समझना चाहिए और जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
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