प्लास्टिक बोतल में पानी पीने से बढ़ता है कैंसर से लेकर डायबिटीज का खतरा, घट जाती है फर्टिलिटी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 19, 2023, 12:19 PM IST

प्लास्टिक के इस्तेमाल का सेहत पर बुरा असर पड़ता है. इसमें कई तरह के हानिकारक तत्व मिलते हैं. इनमें फ्लोराइड, एल्यूमीनियम जैसे खतरनाक रसायन पाए जाते है

डीएनए हिंदी: आजकल प्लास्टिक बोतल में पानी पीना आम हो गया है. लोग सफर ही नहीं घर और दफ्तार में भी प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते हैं. यह ज्यादातर लोगों की आदत में आ गया है, लेकिन प्लास्टिक के इस्तेमाल का सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है. इसमें कई तरह के हानिकारक तत्व मिलते हैं, इनमें फ्लोराइड, एल्यूमीनियम और आर्सेनिक जैसे खतरनाक रसायन पाए जाते हैं. यह डायबिटीज बढ़ाने से लेकर पुरुषों की फर्टिलिटी को कम करती है. वहीं यह वातावरण के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. देश में हर साल 35 लाख टन से भी ज्यादा कचरा पैदा होता है, इसी को देखते हुए सरकार लगातार प्लास्टिक बंद करने को लेकर अभियान चला रही है. 

ये प्लास्टिक होता है बहुत ही घातक

दरअसल प्लास्टिक की बोतल उच्च तापमान के संपर्क में आते ही माइक्रो प्लास्टिक छोड़ देती है. यह माइक्रो प्लास्टिक के कण पानी के साथ मिलकर शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं. इसके  बाद यह हार्मोन को डिसबेलेंस करने के साथ ही लिवर से लेकर कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. यह पुरुषों में फर्टिलिटी को कम कर रही है. यह पिता का सुख पाने के बड़ी बांधा बन सकती है. 

डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारियों को खतरा

प्लास्टिक बोतल में पानी पीने से लाइलाज बीमारी डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. यह आपके इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित करता है. बोतल की वजह से पानी में केमिकल्स मिलकर शरीर को नुकसान पहुंचाने के साथ ही अंदर से कमजोर करते हैं.  

पुरुषों में बढ़ जाती है फर्टिलिटी की समस्या

प्लास्टिक बोतल बंद या फिर प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से पुरुषों की फर्टिलिटी प्रभावित होती है. पानी पीने की यह आदत स्पर्म काउट को कम कर देती है. यह कैंसर का खतरा भी बढ़ा देती है. यह महिलाओं में यौवन से लेकर ओवरी में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ा देती है.  यह लिवर और ब्रेस्ट कैंसर की संभावना भी बढ़ा देती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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