Study On PMS: अगर बिगड़ता है आपका Period साइकिल तो हो जाएं अलर्ट, हो सकती है Diabetes

सुमन अग्रवाल | Updated:Jul 15, 2022, 01:59 PM IST

PMS and Diabetes in Hindi इन दोनों के बीच गहरा कनेक्शन है. अगर महिलाओं के पीरियड साइकिल में कुछ गड़बड़ होती है तो उन्हें शुगर का खतरा ज्यादा होता है. जानिए पूरी स्टडी क्या कहती है

डीएनए हिंदी: पीएमएस (PMS Syndrome) की समस्या से काफी लड़कियां जूझती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इससे आपके शुगर लेवल का गहरा कनेक्शन है. हालिया स्टडी बताती है कि डायबिटीज मेलिटस (Diabetes) और पीएमएस (PMS) के बीच एक कनेक्शन है, इसलिए ऐसी महिलाओं को सावधान रहना चाहिए जिन्हें पीएमएस पहले से ही उन्हें डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहेगा. यही नहीं जिन्हें डायबिटीज है उन्हें पीएमस की समस्या हो सकती है. इसलिए आपको दोनों मामलों में सावधान रहने की जरूरत है. 

हां इसमें सबसे बड़ी बात है कि अगर आपके पीरियड का साइकिल (Periodical Cycle) सही चल रहा है तो दिक्कत नहीं होगी लेकिन अगर वो साइकिल बिगड़ा है तो आपको दोनों समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. Menstruation cycle आपके हॉर्मोनल डिसबैलेंस की वजह बनता है और आपके शरीर में इंसुलिन को प्रभावित करता है. 

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डायबिटीज और पीएमएस कैसे हैं लिंक्ड (How PMS and Diabetes linked) 

जिन महिलाओं को टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज (Type 1 and Type 2 Diabetes symptoms in Hindi) है उनके पीरियड्स अनियमित होते हैं. आपके शरीर में पीरियड के साइकल को रेगुलेट करते हैं वह है एस्ट्रोजेन, प्रोग्रेसटेरोन,लुटेनाइजिंग और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन. ये सभी हॉर्मोन आपके शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. अगर एक भी प्रभावित होता है तो आपको पीएमएस की दिक्कत हो सकती है 

क्या है प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम (What is PMS in Hindi) 

PMS या प्री मेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम शारीरिक भावनात्मक और व्यवहारिक लक्षणों का एक ऐसा समूह है जो महिला की मेंस्ट्रूअल साइकिल शुरू होने से पहले मतलब एक या दो हफ्ते पहले होता है.

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प्री मेन्स्ट्रूअल लक्षण हर महिला के लिए अलग होते हैं. कुछ महिलाओं को हल्का या ना के बराबर परेशानी होती है जैसे स्तनों का हल्का टेंडर होना या पीरियड के समय तक मीठा खाने की इच्छा होना मगर कुछ महिलाएं कई तरह के शारीरिक बदलाव जैसे कि टेंडर ब्रैस्ट, ब्लोटिंग (पेट फूलना), ज़्यादा थकान, कुछ व्यवहारिक और भावनात्मक बदलाव जैसे बहुत ज़्यादा मूड स्विंग्स होना, चिड़चिड़ाहट, और उदासी महसूस करती हैं.


PMS के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of PMS in Women) 

PMS एक अलग अनुभव हो लेकिन फिर भी PMS का समय शुरू होने से लेकर उसके तीव्र होने तक कई शारीरिक और भावनात्मक बदलाव के लक्षण दिखाई देते हैं. PMS के शारीरिक संकेत और लक्षण मिलते-जुलते तो हैं लेकिन ये सिर्फ़ ब्लोटिंग, PMS क्रैम्प (दर्द), थकान, जोड़ों में दर्द, भूख ना लगना, मुहांसे, बेसमय सोना आदि तक ही सीमित नहीं हैं जबकि भावनात्मक लक्षण ज़्यादा भावुक होना, मूड में बहुत ज़्यादा बदलाव होना, गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, एंग्जायटी (चिंता करना), डिप्रेशन (निराशा), आदि के रूप में उभरते हैं

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पीएमएस होने के कारण (Causes of PMS) 

ऐसा भी कहा जाता है कि कुछ रिसर्च के अनुसार आपकी मेन्स्ट्रूअल साइकिल के दौरान साइक्लिक हॉर्मोन में जो बदलाव आते हैं उसकी वजह से PMS होता है. हॉर्मोन और सिरोटोनिन के बीच जो क्रिया होती है उसकी वजह से आपका दिमाग एक तरह का रसायन (केमिकल) बनाता है जो आपके मूड के लिए ज़िम्मेदार होता है और यह भी PMS का एक कारण माना गया है

यही नहीं अगर आप तनाव लेती हैं, जंक फूड खाती हैं, शराब या नशीले पदार्थों का सेवन करती हैं तो भी आपको पीएमएस हो सकता है. इसलिए इन चीजों से परहेज करें और एक्सरसाइज को रेगुलर करें जिससे आपके हॉर्मोनल बैलेंस में मदद मिलेगी

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