Pulse Polio Campaign: 5 साल तक के बच्चों के ​लिए जरूरी है दो बूंद जिंदगी की, जानिए कब शुरू हुआ था पल्स पो​लि​यो अभियान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 15, 2022, 07:08 PM IST

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पांच साल तक के बच्चों को पोलियो (polio) की दवा यानी दो बूंद जिंदगी की कि​सी अमृत से कम नहीं है। ये वो दवा है जो बच्चे को अपंगता से बचाती है।

डीएनए हिंदी: पोलियो का एक नया केस कोलकाता (kolkata polio case) में मिलने के बाद से एक बार फिर से पोलियो का खतरा मंडराने लगा है। यही कारण है कि पोलि​यो को लेकर सतर्कता बरतनी जरूरी है। बता दें कि भारत 2012 से पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया था, लेकिन अब दोबारा इसका वायरस एक्टि​व हो गया है। ये खतरा पांच साल तक के बच्चों पर दोबारा से मंडरा रहा है।

भारत में कब हुई शुरुआत—When did it start in India

भारत में साल 1995 में पल्‍स पोलियो टीकाकरण (PPI) कार्यक्रम आरंभ किया था। इस अभि​यान में 5 साल तक के बच्चों को पोलियो का ओरल ड्रॉप दिया जाता है।

24 अक्टूबर को मनाया जाता है पोलियो दिवस—Polio Day is celebrated on 24 October

हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस इसलिए ही मनाया जाता है कि लोगों को इस बीमारी की गंभीरता और खतरे से सचेत किया जा सके। पोलियो का टीका साल 1955 में खोजा गया था। विश्व पोलियो दिवस की शुरुआत रोटरी इंटरनेशनल ने की है। इसकी शुरुआत पोलियो टीका की खोज करने वाली टीम के सदस्य जोनास साल्क के जन्मदिन पर की गई है। 

पोलि​यो एक संक्रामक बीमारी है — Polio is a contagious disease

पोलियो एक संक्रामक रोग है जो वायरस जनित होती है। ये वायरस बच्चों को ही संक्रमि​त करता है और गले तथा आंत में रहता है। इसका वायरस मल के जरिये पानी और शरीर तक पहुंच जाता है। साथ ही ये नाक और मुंह के स्राव से भी फैलता है। यह मुख्यत एक से पांच वर्ष की आयु के बच्चों को ही प्रभावित करता है, क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती है। 

एक बार फिर से इस बीमारी का संक्रमण सामने आया हैं तो ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी से बचने के लिए दोबारा कमर कसनी होगी और पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक ऐतिहात और सतर्कता के साथ पिलाई जाए। 

 

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