यूरिक एसिड के कारण गठिया, जोड़ों का दर्द, हाथ-पैरों में झुनझुनी आदि जैसी कई समस्याएं महसूस होने लगती हैं.अगर इन सभी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया तो न केवल गठिया होगा बल्कि आपकी किडनी भी खराब होनी शुरू हो जाएगी और प्रजनन क्षमता खराब हो जाएगी.
जोड़ों में जमा यूरिक एसिड कोई बीमारी नहीं बल्कि शरीर की नसों में पाया जाने वाला एक पदार्थ है. प्यूरीन हड्डियों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है. इससे हड्डियों के बीच दूरी बढ़ना, जोड़ों में दर्द, हड्डियों का कमजोर होना जैसी कई परेशानियां महसूस होती हैं. साथ ही शरीर में प्यूरिन का स्तर बढ़ने के बाद किडनी पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका रहती है. तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि शरीर में यूरिक एसिड को कम करने के लिए कौन सी पत्ती का सेवन करना चाहिए. आइए जानें.
यूरिक एसिड से छुटकारा पाने के लिए करें पुदीने की पत्तियों का सेवन:
पुदीने की पत्तियां शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करती हैं. पुदीने की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल गुण होते हैं. गर्मी के दिनों में शरीर में बढ़ने वाली गर्मी को कम करने के लिए पुदीने की पत्तियों का सेवन किया जाता है. साथ ही पुदीने की पत्तियों के सेवन से गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है. तो आप सुबह उठकर या अन्य समय पुदीने की पत्ती का जूस या शरबत पी सकते हैं.
पुदीने की पत्तियों का इस तरह क्यों करें इस्तेमाल:
यूरिक एसिड लेवल को कम करने के लिए आप पुदीने की पत्तियों की चटनी बनाकर खा सकते हैं. आसान तरीके से तैयार करें लहसुन और पुदीने की पत्तियों की चटनी. पुदीने की पत्तियां प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर होती हैं. तो आप पुदीना और लहसुन की चटनी को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं. इससे आपका शरीर स्वस्थ और समृद्ध रहेगा.
पुदीने की पत्तियों के फायदे:
पुदीने की पत्तियां हर मौसम में बाजार में उपलब्ध होती हैं. शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आप पुदीने की पत्तियों का भी सेवन कर सकते हैं. पुदीना में सूजन रोधी गुण होते हैं. यूरिक एसिड के कारण होने वाले गठिया के दर्द को कम करने के लिए पुदीने की पत्तियों का सेवन करें. प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के सेवन से जोड़ों में यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है.
कच्चा लहसुन यूरिक एसिड में फ़ायदेमंद है
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं. लहसुन में एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन और जोड़ों के दर्द में आराम दिलाते हैं. लहसुन में एस-एलिल-एल-सिस्टीन (S-allyl-L-cysteine) नामक यौगिक होता है जो शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है. लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है जो जोड़ों और कमर दर्द दूर करने में मदद करता है.लहसुन का सेवन करने से पाचन तंत्र मज़बूत होता है. लहसुन शरीर को डिटॉक्स करता है और रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल सामान्य रहता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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