डीएनए हिंदीः शीतलहर का प्रकोप गठिया के मरीजों के लिए किसी सजा से कम नहीं होता है. जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन की समस्या उठना-बैठना, चलना ही नहीं, सोना भी मुश्किल कर देती है. इस ठंड में दर्द से बचने के लिए और शरीर को अंदर से गर्म करने के लिए पूरी सर्दी 5 चीजों को सेवन रोज करें.
जोड़ों में दर्द की समस्या ठंड में बढ़ने का मुख्य कारण ठंडी हवा का दबाव बढ़ जाता है जिससे जोड़ों का दर्द और जकड़न बढ़ जाता है. तेजी से पारे में गिरावट शरीर के जोड़ों के दर्द को बढ़ाने का कारण बनती है, जो शरीर के दर्द केंद्रों को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन्स पर अधिक दबाव डालती है. पारा का स्तर गिरने पर शरीर फूल जाता है, जिससे दर्द, जकड़न और दर्द अधिक होने लगती है.
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ठंड में जोड़ों की जकड़न और दर्द से ये चीजें दिलाएंगी राहत
नट्स और सीड्स
ओमेगा -3 फैटी एसिड सूजन से लड़ कर जोड़ों के बीच लिगामेंट्स को ग्रीस करता है. इसके लिए ठंड में ओमेगा -3 फैटी से भरे नट्स और सीड्स खाएं. फ्लैक्ससीड्स, बादाम, अखरोट, पिस्ता, पाइन नट्स, भांग के बीज, और चिया के बीज गठिया में दवा समान काम करते हैं. मुट्ठी भर नट्स या बीजों रोज खाने से शरीर अंदर से गर्म भी रहेगा और दर्द भी दूर होगा.
कच्चा लहसुन और प्याज खाएं
कच्चे लहसुन और प्याज में डाइसल्फ़ाइड होता है जो साइटोकिन्स के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ दर्द को कम कर सकता है. कच्चा लहसुन खाने से एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन भी मिलते हैं जिससे डायबिटीज-कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी जैसे रोग खत्म हो जाते हैं.
जैतून और जायफल तेल
इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में फायदेमंद साबित होते हैं. इससे जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है. इसके लिए जायफल और जैतून के तेल को मिलाकर जोड़ों पर लगाने और मालिश करें. वहीं जैतून के तेल एंटा इंफ्लेमटरी गुणों से भरे होते है इसे खाने से भी कई फायदे मिलते है. इसमें रासायनिक ओलियोकैंथल होता है जो दवा की तरह अंदर से दर्द को खींच लेता है.
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फैटी फिश का करें शामिल
सैल्मन और मैकेरल वसायुक्त मछली के उदाहरण हैं जो फैटी एसिड और विटामिन डी से भरपूर होती हैं और इनमें सूजन-रोधी गुण हो सकते हैं. Eicosapentaenoic एसिड (EPA) और docosahexaenoic एसिड इन मछलियों (DHA) में पाए जाने वाले समुद्री फैटी एसिड हैं. कम प्रतिरक्षा सेल उत्पादन और साइटोकिन्स, जो भड़काऊ एंजाइम हैं, फायदेमंद हो सकते हैं. विशेषज्ञों द्वारा सप्ताह में दो बार लगभग 100 ग्राम मछली खाने की सलाह दी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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