डीएनए हिंदीः हाई यूरिक एसिड (High Uric Acid) से केलव ऑथराइटिस (Arthritis) या घुटनों में दर्द (Knee Pain) ही नहीं होता, बल्कि ये किडनी को डैमेज (Kidney Damage) करने का भी काम करता है. यूरिक एसिड हड्डियों के गैप में क्रिस्टल ( Cristal Deposite in bones) के रूप में जमा हो कर हड्डियों को घिसने लगता है (bones wear out)और यही कारण है कि जोड़ों के बीच से ग्रीस कम होने लगता है (Grease wears out between joints) . ग्रीस की कमी दर्द और जकड़न के साथ सूजन का कारण बनती हैं.
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अगर आपके घर में जेनेटिक यूरिक एसिड की समसया है तो आपको हमेशा खानपान को लेकर सतर्क रहना होगा. हाई यूरिक एसिड को खानपान से ही कम किया जा सकता है और कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां ऐसी हैं जो आसानी से जड़ से यूरिक एसिड को खत्म कर सकती हैं. यहां आपको कच्ची हल्दी के बारे में बताएंगे कि कैसे ये जोड़ों के दर्द ऑथराइटिस का पक्का इलाज है.
असल में कच्ची हल्दी में करक्यूमिन पकी हुई हल्दी से ज्यादा होता है और ये न केवल सूजन और दर्द को कम करने में कारगर है, बल्कि यूरिक एसिड को जड़ से भी खत्म करती हैं. कच्ची हल्दी किडनी की फिल्टरेशन क्षमता को बढ़ा देती हैं जिससे शरीर के पूरी गंदगी को किडनी यूरिन के जरिए छान कर बाहर कर देती है. यूरिक एसिड तब ब्लड में ज्यादा बनता है जब हमारे द्वारा खाए गए प्यूरीन वाली चीजों को किडनी छान नहीं पाती है लेकिन कच्ची हल्दी का काढ़ा किडनी कि फिल्टरनेश क्षमता को बढ़ा देती है. इससे यूरिक एसिड बनने ही नहीं पाता है.
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कच्ची हल्दी का सेवन कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है: (How consumption of raw turmeric controls uric acid)
कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व यूरिक एसिड कंट्रोल करता है. करक्यूमिन एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुणों के साथ ही दर्द खींच लेने वाली गुणों से भरी होती है. इसलिए ऑर्थराइटिस में कच्ची हल्दी का काढ़ा ही नहीं उसका लेप भी जोड़ों के दर्द को खींच लेता है और सूजन कम करता है.
कितनी हल्दी का सेवन हैं जरूरी: (How much turmeric intake is Useful to control uric acid)
आर्थराइटिस फाउंडेशन (Arthritis Foundation) के अनुसार ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) से बचने के लिए दिन में तीन बार 400 से 600 मिलीग्राम कच्ची हल्दी लेना चाहिए.
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कच्ची हल्दी का सेवन कैसे करें: (How to use raw turmeric)
कच्ची हल्दी को आप पानी में घिस कर उबाल लें और छान कर काढ़े के रूप में पींए. कच्ची हल्दी को आप अदरक की तरह यूज कर सकते हैं. हालंाकि इसमें थोड़ी कड़वाहट होती है इसलिए इसे उबाल कर पीना ज्यादा सही होगा. खाली पेट इसक काढ़ा पीएं और उसके बाद कम से कम दो घंटे तक कुछ न खाएं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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