Eyesight: आंखों में ये धब्‍बे हाइपरटेंशन और हाई कोलेस्ट्रॉल का भी हैं साइन, ऐसे पहचानें लक्षण

ऋतु सिंह | Updated:Jul 28, 2022, 10:44 AM IST

हाई कोलेस्‍ट्रॉल से लेकर बीपी तक का संकेत आंखों से मिलता है  

अगर आपकी आंखों का रंग बदल (Colour Changes in Eyes) रहा है तो ये आपकी सेहत (Health) के लिए अच्छी बात नहीं है. आइए बताते हैं कि आंखों का बदलता रंग किन समस्याओं से जुड़ा हो सकता है.

डीएनए‍ हिंदी: जैसे आंखों से हमारे इमोशंस  (Emotions) का पता चलता है उसी तरह उनके बदलते रंगों (Changing Colors) से हमारी सेहत का भी पता चलता है. अगर आपको भी पुतलियों का रंग बदलता (Colour Change Of Pupils) हुआ महसूस हो तो सतर्क हो जाने की जरूरत है. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर पुतलियों पर रेड स्पॉट (Res Spots), ब्लू रिंग (Blue Rings) या पीलापन (Yellowness) दिखे तो संकेत है कि आपकी सेहत ठीक नहीं है. आइए इनके बारे में बताएं कि एक्सपर्ट का क्या कहना है.

लाल धब्बे: आंखों में लाल धब्बे नजर आने से ये संकेत मिलता है कि खांसने या छींकने या किसी अन्य वजह से खून ले जाने वाली धमनियों में कुछ टूट फूट हो गई है. ज्यादातर मामलों में चिंता की कोई बात नहीं होती, लेकिन अगर आंखें लगातार लाल रहती हैं तो ये हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है.  हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा हो सकता है. यही नहीं, आपकी आईसाइट पर भी असर पड़ सकता है. 

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आंखों की जांच के दौरान ऑप्टोमेट्रिस्ट भी हाई ब्लड प्रेशर के संकेत का पता लगा सकते हैं. वे यह देख सकते हैं कि आंखों से जुड़ी ब्लड वेसल्स कहीं संकरी तो नहीं हो गई हैं या उनमें से खून लीक तो नहीं कर रहा है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में हाईपरटेंसिव रेटिनोपैथी की कंडिशन बन सकती है. इसमें आंखों से जुड़ी ब्लड वेसल्स मोटी हो जाती हैं, जबकि अंदर रास्ता संकरा होने से ब्लड फ्लो घट जाता है. कुछ मामलों में आंखों के रेटिना में सूजन आ जाती है और ब्लड वेसल्स से खून रिसने लगता है. 


ब्लू रिंग: कुछ लोगों की आंखों की पुतली पर ब्लू रिंग नजर आने लगती है. अमूमन ये उम्र से जुड़ी दिक्कत होती है. लेकिन इसकी एक वजह आंखों के आसपास कोलेस्ट्रॉल जमा होना भी है. डॉक्टरों का कहना है कि 60 की उम्र के बाद ये समस्या हो तो दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर 40 की उम्र के बाद ऐसा होता है तो ये दिल की बीमारी की शुरुआत का लक्षण है. 

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आंखों का पीलापन: अमूमन आंखों का पीलापन जॉन्डिस की वजह से होता है. ऐसा इसलिए होता है कि हमारे खून में ऑक्सीजन ले जाने वाला हेमोग्लोबिन टूट कर बिलिरुबीन में बदल जाता है, जिसे शरीर स्वत: बाहर नहीं निकाल पाता. इसे बाहर निकालने का काम लिवर को करना होता है और इसे बाइल डक्ट में भेजना होता है, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता तब हमारी त्वचा पीली नजर आने लगती है, साथ ही आंखों में भी पीलापन दिखता है. आंखों का पीलापन ये संकेत है कि हमें लिवर, गॉलब्लैडर या पैंक्रियास से जुड़ी समस्या है. 

इसकी वजह से कभी-कभी धुंधला दिखाई देने लगता है. अमूमन डायबिटीज के मरीजों में ऐसा होता है। इसमें आंखों के भीतर मौजूद लेंसेज में सूजन आ जाती है, जो तेजी से धुंधलापन बढ़ाते हैं. ये स्ट्रोक का भी संकेत हो सकता है, जिसके साथ बोलने में हकलाहट और चेहरा लटक जाने की समस्या भी हो सकती है. धुंधलापन इस बात का भी संकेत है कि ये कैटरैक्ट या उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजेनरेशन हो रहा है.  

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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