Health Tips: बरसात में Eye और Ear इंफेक्शन का बढ़ा खतरा, जानें लक्षण और बचाव

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jul 30, 2022, 01:12 PM IST

मानसून में आई-ईयर में इंफेक्शन बढ़ा, जानें वजह और बचाव

Ear Infection in Monsoon: बरसात में तमाम बीमारियों के बीच आंख और कान में इंफेक्‍शन का होना सबसे भारी पड़ता है. ये बहुत कॉमन लेकिन तकलीफदेह इंफेक्‍शन होता है. इसके पीछे कारण क्‍या है और इसके लक्षण के साथ बचाव भी जरूर जान लें.

डीएनए हिंदी: बरसात में सर्दी, खांसी और गले में इंफेक्‍शन के साथ बुखार होने को लेकर सभी सतर्क रहते हैं लेकिन कई बार हम अपने दो जरूरी अंग का ध्‍यान नहीं दे पाते. यही कारण है कि बरसात में हमारी गलतियों से ही आई और ईयर इंफेक्‍शन होते हैं. 

फंगल इंफेक्शन और सीजनल फ्लू  के कारण स्किन, कान और आंखें बहुत तेजी से प्रभावित होती है. आई फ्लू, कंजेटिवाइटिस, फंगल इंफेक्‍शन का खतरा नमी और गंदगी के से फैलता है. बारिश के पानी अगर कान में चला जाए तो दर्द, सुन्‍नाहट, फंगस बनने की समस्‍या होने लगती है. तो चलिए जानें कि कान या आंख में इंफेक्‍शन होने पर क्‍या संकेत नजर आते हैं और इनसे कैसे बचा जाए.

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आंख और कानों में इंफेक्शन की वजह

आंख, कान और त्वचा में इंफेक्‍शनक की बड़ी वजह नमी होती है. नमी के कारण फंगल इंफेक्शन बढ़ता है और गंदगी इसमें चिपक कर इसे और गंभीर बनाती है. वहीं नमी के कारण वायरस और बैक्टीरिया भी बढ़ जाते हैं. हवा में मौजूद वायरस कई बार आंख और कान को नुकसान पहुंचाते हैं. वहीं कान में गंदगी और ईयरबड्स के निशान भी कान के संक्रमण की वजह बन सकते हैं.

आंख में इंफेक्‍शन के लक्षण

  • आंख का लाल हो जाना
  • आंख में किरकिरी महसूस होना
  • आखों या पलकों के उपर फुंसी का होना
  • आंख से पानी गिरना
  • आंखों में कीचड़ का आना

इयर इंफेक्शन के लक्षण

  • कानों के इंफेक्शन के लक्षण
  • कानों में दर्द होना.
  • कान के अंदर खुजली होना.
  • कान का बाहरी हिस्सा लाल और कम सुनाई देना.
  • कानों में भारीपन.
  • कान से सफेद या पीले रंग का पस निकलना.

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आंख और कान के संक्रमण बचने के टिप्स

  • आंख को छूने से बचें और उसे सादे पानी से धोते रहें. बाहर से आने के बाद आंखों को जरूर धोएं.
  • कानों को नमी से बचाएं. अगर पानी चला गया हो तो हेयरड्रायर की दूर से हवा कान में लें. इससे वह सूख जाएगा. 
  • कान या आंख पोंछने के लिए नरम कॉटन कपड़े का यूज करें. साफ सफाई का विशेष ध्‍यान दें. 
  • किसी दूसरे का चश्‍मा, पेन, ईयरफोन या ईयरबड्स इस्तेमाल न करें.
  • गले में इंफेक्शन या खराश भी कानों का संक्रमण का कारण बनती है इसलिए इसका भी ध्‍यान दें. 
  • कान या आंखों में इंफेक्‍शन होने पर तुंरत डॉक्‍टर से संपर्क करें
  • हर छह महीने पर ईएनटी और नेत्र विशेषज्ञ से आंख कान जांच कराते रहें.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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