डीएनए हिंदी: अक्सर कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक डर बैठ जाता है, कैंसर को सबसे खतरनाक बीमारी माना जाता है. बता दें कि कैंसर कई प्रकार के होते हैं और किसी भी कैंसर का समय पर पता न चलने पर व्यक्ति की जान तक जा सकती है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे कैंसर के बारे में बताने वाले हैं, जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और इसका पता बहुत बाद में (Sarcoma Cancer) चलता है. हालांकि ये कैंसर शरीर के जिस हिस्से में होता है, उसे अलग-अलग नाम (Sarcoma Cancer Symptoms) से जाना जाता है. जैसे ओस्टियोसारकोमा हड्डी में बनता है, लिपोसारकोमा फैट में बनता है और रबडोमायोसारकोमा मांसपेशियों में बनता है. इसके 70 से अधिक प्रकार हैं और सभी का उपचार इस बीमारी के प्रकार, स्थान और अन्य कारकों के आधार पर निर्भर करता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
आसान भाषा में समझिए सारकोमा कैंसर क्या है
बता दें कि सारकोमा कैंसर ऐसे कैंसर को कहते हैं जो शरीर के कनेक्टिविटी टिश्यू में पनपता है. दरअसल हमारा शरीर छोटी-छोटी कोशिकाओं से मिलकर बनता है. लेकिन हमारे शरीर में मौजूद कनेक्टिव टिश्यू जैसे कि हडि्डयां और मांसपेशियां ,जो इस पूरे ढांचे को एक ढांचे में बांधते हैं. इन कनेक्टिव टिश्यू को प्रभावित करने वाले कैंसर को ही सारकोमा कैंसर कहा जाता है.
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सारकोमा के लक्षण क्या हैं
- शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना, जो लगातार बढ़ता रहे
- बिना वजह मांसपेशियों में दर्द होना
- हाथ-पैरों में लगातार दर्द की समस्या
सारकोमा का पता लगाना होता है मुश्किल
दरअसल सारकोमा शरीर में गहराई में छिपी संरचनाओ जैसे कि मांसपेशियों तथा हडि्डयों में पनपता है, जिसके कारण आरंभिक चरणों में इसे पकड़ना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जब तक इनका पता चलता है, तब तक ये आकार में काफी बढ़ चुके होते हैं या फिर काफी एडवांस स्टेज में पहुंच जाते हैं.
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सारकोमा कैंसर का उपचार क्या है
अगर समय पर सारकोमा के प्रकार का पता चल जाए तो इलाज मुमकिन है. लेकिन उपयुक्त सर्जरी और ऑपरेशन के बाद रेडिएशन तथा कीमोथेरेपी ऐसे अधिकांश ट्यूमर्स का उपचार है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले हमेशा अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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