Sattu Ke Fayde: डायबिटीज से लेकर वजन तक कम करता है सत्तू, जानें कैसे घर पर ही बनाएं और खाएं

सुमन अग्रवाल | Updated:Sep 15, 2022, 11:13 AM IST

Sattu Ke Fayde- डायबिटीज से लेकर मोटापा कम करने तक सत्तू के कमाल के फायदे हैं, जानिए घर पर कैसे बनाएं और खाने का तरीका क्या है

डीएनए हिंदी : Sattu Ke Fayde in Hindi- सत्तू का नाम सुनते ही सभी को लगता है कि यह बिहार का ही लोकप्रिय खाद्य है, लेकिन ऐसा नहीं है. आज भारत के हर शहर के कोणे कोणे में सत्तू खाया जाता है.सत्तू को गरीबों का प्रोटीन कहा जाता है. पेट को ठंडा और भरा रखने के लिए लोग इसका सेवन करते हैं. अलग अलग राज्यों में इसे अलग नामों से जानते हैं. लिट्टी चोखा में सत्तू मिलाया जाता है, इसका पानी भी बनाकर पीते हैं. सत्तू बहुत ही काम की चीज है. आईए जानते हैं सत्तू का इतिहास क्या है और इसके फायदे क्या हैं. 

सत्तू का इतिहास (History of Sattu)

सत्तू चने का आटा है, जिसे सफेद वाले काबुली चना या फिर लाल चने को भूनकर बनाया जाता है. बिहार, बंगाल, झारखंड और यूपी में इसका प्रचलन है. कहा जाता है कि इसकी शुरुआत तिब्बत से हुई.वहां रहने वाले बौद्ध भिक्षु ज्ञान की तलाश में दूर देशों की यात्राएं किया करते थे,इसलिए वो खाने के लिए सत्तू का इस्तेमाल करते थे.वो लोग इसे Tsampa कहते थे.मुस्लिम धर्म ग्रंथ कुरान में भी सत्तू (जौ का सत्तू)का जिक्र किया गया है.यह भी बताया जाता है कि कारगिल युद्ध में भी सत्तू ने सैनिकों का पेट भरने में अहम भूमिका निभाई थी.साथ ही,कई लेखकों ने यह भी लिखा है कि वीर शिवाजी ने भी गौरिल्ला युद्ध के समय अपनी सेना के सैनिकों को सत्तू खाने के लिए दिया था.

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कैसे बनाएं सत्तू (How to make sattu)

सबसे पहले चने की दाल को मिक्सर में महीन पीसकर चीनी मिलाएं और छलनी से छान लें.इसके बाद घी को हल्का सा गर्म करें और चना दाल व चीनी के मिश्रण में मिला दें.इलायची को भी पीसकर इसी मिश्रण में मिला दें. अब इस मिश्रण को हाथों से अच्छी तरह से मिलाएं और थाली में छोटे-छोटे साइज़ में जमा दें.इसके ऊपर चांदी का वर्क लगाएं और बीच में एक सुपारी के साथ आसपास कालीमिर्च के दाने,बादाम और पिस्ता से सजा दें.इसे पानी में घोलकर भी पी सकते हैं. 

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फायदे (Sattu Ke fayde in Hindi)

सत्तू में काफी पोषक तत्व हैं, जैसे कैल्शियम, मैग्नेशियम, विटामिन्स और आयरन. जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक चीजें हैं.

डायबिटीज (Diabetes)
 

मैदा की तूलना में सत्तू का आटा बहुत ही पौष्टिक होता है, इसमें कार्ब्स कम होता है. इसलिए इससे शुगर लेवल ज्यादा प्रभावित नहीं होता है. सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28-35 के बीच होता है, जो शुगर के मरीजों के लिए काफी अच्छा है. रोजाना सत्तू का पानी पीने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.

वजन घटाने में मददगार (Weight Loss)


रोजाना सुबह खाली पेट सत्तू का पानी पीने से आपको भूख कम लगती है और पेट भरा सा रहता है. आपका मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और वजन भी घटता जाता है. इस पानी में आप थोड़ा सा नमक और नींबू मिला सकते हैं

पाचन ठीक होता है (Digestion)

पाचन में मदद करता है. सत्तू में फाइबर होता है, तो नॉर्मल आटे की तुलना में काफी अच्छा है. इससे पाचन शक्ति सही रहती है. सत्तू में आयरन की वजह से पेट साफ रहता है और खाना हजम होता है 

गर्मी में लू से बचाने में भी सत्तू काफी कारगर है, पेट ठंडा रहता है. 

बैड कोलेस्ट्रॉल खत्म करने में भी यह मददगार है 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है

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