डीएनए हिंदीः घुटनों में दर्द और जकड़न जैसी समस्या से अगर आप परेशान हैं तो आपकी समस्या का हल एक हरे पत्ते में छुपा है. ये पत्ता न केवल आपके यूरिक एसिड को खत्म करता है बल्कि जोड़ों के दर्द की बीमारी आर्थराइटिस से भी छुटकारा दिला सकता है.
जी हां यहां हम बात कर रहे हैं श्यामा तुलसी की. श्यामा तुलसी के पत्ते में वह औषधिय गुण हैं जो आसानी से ब्लड में से यूरिक एसिड को यूरिन के जरिये बाहर कर देता है. श्यामा तुलसी में रामा तुलसी की अपेक्षा ज्यादा औषधिय गुण होते हैं,क्योंकि इसमें क्लोरोफिल अधिक होता है. वैसे भी तुलसी जड़ी बूटियों की रानी मानी गई है. तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर, स्किन और किडनी की बीमारियों के साथ ही साथ ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद माना गया है.
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आयुर्वेद के अनुसार रामा तुलसी और श्यामा तुलसी के औषधिय गुण काफी अलग होते हैं. किसी रोग के इलाज के लिए श्यामा तुलसी ज्यादा बेहतर मानी गई है. अगर आप यूरिक एसिड का प्राकृतिक इलाज खोज रहे हैं तो आपके लिए श्यामा तुलसी ही बेस्ट होगी.
श्यामा तुलसी मसालेदार और स्वाद में थोड़ी कड़वी होती हैं और यही कारण है कि ये शुगर से लेकर यूरिक एसिड और वात-पित्त के साथ ही कफ, वायरल इन्फेक्शन, या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों में कारगर होती है.
शुगर से लेकर यूरिक एसिड में करें ऐसे इस्तेमाल
श्यामा तुलसी की कम से कम 100 ग्राम पत्तियां लें और इसे या तो आप चबा कर खाएं या इसे पीस कर इसका रस पी लें. खाली पेट यानी बासी मुंह आपका ऐसा करना आपके ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करेगा और जोड़ों के बीच जाकर क्रिस्टल के रूप में जम चुके यूरिक एसिड को भी ये बाहर निकाल देगा.
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काली मिर्च के साथ बनाएं ये रस
फार्मेसी डॉट इन के अनुसार श्यामा तुलसी के पांच छह ताजे पत्तों को धोकर सीधा खा सकते हैं या तुलसी के पत्तों के साथ देसी घी और काली मिर्च का सेवन भी कर सकते हैं. इससे शुगर और यूरिक एसिड दोनों में लाभ होगा. आर्थराइटिस के मरीजों के लिए ये नेचुरल रेमेडी की तरह काम करता है. तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर में किसी भी प्रकार की कैंसर की आशंकाओं को समाप्त करते हैं. तुलसी हमें त्वचाए यकृत, मुंह और फेफड़ों के कैंसर से बचाने में मदद करती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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