डीएनए हिंदी: कोरोना से ठीक हुए बच्चों पर हाल ही में हुई एक स्टडी में यह बताया गया है कि 0-14 साल के बच्चों में दो महीने तक कोविड से ठीक होने के बाद भी (Covid-19 Symptoms in Kids) उसके के ये लक्षण पाए जा रहे हैं. बता दें कि कोरोना से रिकवरी होने के बाद भी लंबे समय तक थकान, कमजोरी, भूख न लगना, मांसपेशियों में अकड़न जैसे लक्षण लोग झेलते हैं.
एक स्टरडी में यह पाया गया कि कुछ लोगों में दो साल तक कोरोना के साइड इफेक्ट नजर आ रहे है. इसे लॉन्ग कोविड इंफेक्शन (Long Covid Infection) कहा जाता है. लॉन्ग कोविड के लक्षण अब तक सिर्फ व्यस्कों में देखे गए थे, लेकिन अब बच्चों में भी लॉन्ग कोविड-19 के मामले देखने को मिल रहे हैं.
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'द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, SARS-CoV-2 वायरस (कोविड-19 वायरस) से संक्रमित बच्चे कम दो महीने तक लॉन्ग कोविड के लक्षणों (Long Covid Infection in Kids) का सामना कर सकते हैं.
डेनमार्क में हुई इस स्टडी में कोरोना से रिकवर होने वाले 0 से 14 वर्ष के बच्चों को शामिल किया गया था. स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड से ठीक होने के बाद लगभग 46 प्रतिशत बच्चों में 2 महीने तक कोरोना के लक्षण देखे गए. इस दौरान शोधकर्ताओं ने बच्चों के कोविड लक्षणों, खान पान और भी कई तरह की एक्टिविटी पर ध्यान दिया गया था.
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इस शोध में यह सामने आया कि जो बच्चेग कोरोना संक्रमण से ठीक हुए थे वह भी लॉन्ग कोविड की समस्याओं से 2 महीने तक पीड़ित रहे. स्टडी के दौरान 0-3 वर्ष के आयु वर्ग में 40 फीसदी बच्चों में कोविड-19 (1,194 बच्चों में से 478) का निदान किया गया, उन्होंने दो महीने से अधिक समय तक कोरोना के लक्षणों का अनुभव किया था, जबकि 4-11 आयु वर्ग में, यह अनुपात 38 फीसदी था. बात अगर 2-14 आयु वर्ग के बच्चों का करें तो उनमें यह अनुपात 46% फीसदी रहा.
बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण
रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि 0-3 वर्ष के बच्चों में पेट दर्द, मूड स्विंग्स, शरीर पर लाल चकत्ते और रैशेज जैसे लक्षण देखे गए. 4 से 11 वर्ष के बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षणों में ध्यान की कमी, थकान, मूड स्विंग्स शामिल थें. वहीं, 12 से 14 साल के बच्चों में मूड स्विंग्स, याददाश्त कम होना, थकान, कमजोरी, और मांसपेशियों में ऐंठन नजर जैसे लक्षण पाए गए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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