डीएनए हिंदी: अंदरुनी चोट हो या किसी संक्रमण का खतरा तो लोग हल्दी वाले दूध का सेवन करने लगते हैं. ऐसा नहीं है कि हल्दी और दूध का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद हो. कुछ रोंगो में हल्दी वाला दूध बीमारी को बढ़ाने का काम कर सकता है.
दूध में मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी, डी के साथ जब हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइन्फ्लेमेट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुण मिलते हैं तो ये दवा के समान बन जाता है. बावजूद इसके ये हल्दी वाला दूध कई बीमारियों में पीना सही नहीं होता है. तो चलिए जानें कि किन बीमारियों में इस दूध को पीने से बचना चाहिए.
खून की कमी यानी एनिमिया में न पीएं
खून की कमी की मुख्य वजह आयरन की कमी होती है और अगर आप एनेमिक हैं तो आपको हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि ये शरीर में आयरन को अवशोषित होने से रोकता है. आयरन जब शरीर में अवशोषित नहीं होगा तो हीमोग्लोबिन कम होता जाएगा.
किडनी रोगों में न पीएं ये ऐसा दूध
अगर आप किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत से जूझ रहे तो आपके लिए हल्दी वाला दूध सही नहीं होगा. किडनी स्टोन, किडनी में सूजन, किडनी इंफेक्शन तक में इस दूध को पीने से बचें. ऐसा इसिलिए क्योंकि हल्दी में ऑक्सालेट होता है जो किडनी स्टोन की समस्या को बढ़ा देता है.
लो ब्लड शुगर की समस्या में भी करें अवॉयड
हल्दी वाला दूध उन लोगों को भी पीने से बचना चाहिए जिनका शुगर लो रहता है, क्योंकि हल्दी में करक्यूमिन ब्लड से ग्लूकोज को कम करने का काम करता है. ऐसे में लो शुगर वालों के लिए ये खतरनाक हो सकता है.
कमजोर डायजेशन वाले भी न पीएं
अगर कोई व्यक्ति पाचन संबंधी सम्याएं जैसे पेट में गैस, ब्लोटिंग, सूजन, सीने में जलन या एसिड रिफल्क्स, कब्ज, अपच आदि से जूझ रहा है, तो हल्दी वाले दूध का सेवन करने खराब पेट की समस्या बढ़ सकती है. इसलिए पेट संबंधी समस्याएं होने पर हल्दी वाले दूध का सेवन से सख्त परहेज करने की सलाह दी जाती है.
ब्लीडिंग डिसऑर्डर
अगर आप हल्दी वाले दूध का सेवन करते हैं, तो इससे रक्त में थक्के की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. यह ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले लोगों में चोट और ब्लीडिंग के जोखिम को भी बढ़ाता है. साथ ही जो लोग ब्लड थिनर ले रहे हैं, उन्हें हल्दी वाले दूध का सेवन बंद कर देना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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