डीएनए हिंदी: (Silver Health Benefits In Ayurveda) चांदी के गहने पहनकर आपकेा क्लासी लुक मिल सकता है. चमकती हुई चांदी आपकी पर्सनैलिटी में चार चांद लगाने के साथ ही हेल्थ के लिए भी किसी उपहार से कम नहीं है. चांदी हमारे शररी में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर देती है. यह स्वास्थ्याएं समस्याओं को दूर कर बाॅडी को हेल्दी रखती है. यह बात आयुर्वेद से लेकर ग्रंथों में भी कही गई है. यही वजह है कि सालों पहले लोग पहनने के साथ ही खानेपीने के लिए भी चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे. भगवान को भी चांदी के बर्तनों में ही भोग लगाया जाता है.
राजघरानों में भी सोने चांदी के बर्तनों में खाना खाते थे. आज भी बहुत से घरों में चांदी के बर्तनों में भोजन किया जाता है. बताया जाता है कि इसे भोजन के आसपास मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं. चांदी बैक्टीरिया फ्री होती है. ऐसे में इसे भोजन का लाभ और ज्यादा बढ़ जाता है. इसका फायदा सीधे शरीर को मिलता है.
चांदी के बर्तन में भोजन करने के हैं ये फायदे
वायरस और बैक्टीरिया से रहते हैं दूर
आयुर्वेद के साथ ही कुछ रिसर्चस की मानें तो चांदी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण पाएं जाते हैं. चांदी के बर्तनों में भोजन करने से शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं. चांदी के मौजूद गुण बैक्टीरिया पर हमला करते हैं. यह जुकाम और फ्लू से भी लड़ती है.
इम्यून सिस्टम को करती है बूस्ट
चांदी बर्तनों में खाना खाने से एंटीबाॅडी, केमिकल्स, प्रोटीन और व्हाइट ब्लड सेल्स बैक्टीरिया, बीमारियों और वायरस से लड़ने का काम करते हैं. ये सभी शरीर में समस्याओं को खत्म करने का काम करते हैं. चांदी उन रासायनिक तत्वों से एक हैं जो शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है. इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं.
मानसिक बीमारियों में भी लाभदायक
चांदी शरीर में प्रोटीन से लेकर पेट में होने वाली जलन, एसिडिटी, आंखें में होने वाली जलन को दूर कर सकती है. इसके साथ ही चांदी के बर्तनों में खाना खाने से मानसिक बीमारियां भी खत्म हो जाती है. बाॅडी में शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है. साथ ही डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी का खतरा कम हो जाता है. छोटे बच्चों को चांदी के बर्तनों में भोजन देने या पानी पीने से दिमाग तेज होता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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